नई दिल्ली: सीरिया में रविवार को विद्रोहियों की जीत और राष्ट्रपति बशर अल-असद के निष्कासन का दुनिया के अधिकतर देश स्वागत कर रहे हैं। यही नहीं, कई देशों ने तो सीरिया के नए नेताओं और सरकार के साथ सहयोग करने की भी बात कही है।
इसी कड़ी में जर्मनी ने भी अपना समर्थन सीरिया की नई सरकार को देने की घोषणा की है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के निष्कासन के बाद सोमवार को सीरिया के नए नेताओं के साथ सहयोग करने की संभावना पर चर्चा की।
जर्मन सरकार और फ्रांस सरकार ने एक बयान में कहा, "हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि मौलिक मानवाधिकारों और जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के आधार पर नए नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।" उन्होंने सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को संरक्षित करने के महत्व को दोहराया। जर्मन सरकार ने कहा कि दोनों नेता सीरिया के लिए यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
जर्मन सरकार ने कहा कि विशेष रूप से मध्य पूर्व के भागीदारों के साथ समन्वय में सीरिया में समावेशी राजनीतिक प्रक्रियाओं का समर्थन करके।
क्या बोला इजरायल?
इजरायल की बात करें तो वह स्थिति को अलग नजरिए से देखा है। इजरायल का कहना है कि सीरिया में ज्यादातर इलाके अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े संगठनों के कंट्रोल में है। इजरायली सेना ने गोलन हाइट्स में अपनी सिक्योरिटी और टाइट कर दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बशर की सरकार गिरना एक ऐतिहासिक दिन है।
चीन ने क्या कहा?
वहीं चीन का कहना है कि वह सीरिया की स्थिति को करीब से देख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि वहां जल्दी स्थिरता आएगी।
अमेरिका ने क्या कहा?
सीरिया की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने कहा कि सीरिया के लिए अब यह सुनिश्चित करना सबसे जरूरी है कि वहां एक समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो। देश को अब अपनी स्थिरता बहाल करनी होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन सीरिया की स्थिति पर चर्चा करने के लिए रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से मिलने वाले हैं।
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