बराक घाटी (असम): बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर भारत में भी कई जगहों पर लोग विरोध जता रहे हैं। इस बीच असम की बराक घाटी के होटलों ने यह घोषणा की है कि जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों समुदायों के लोगों पर हमले बंद नहीं हो जाते, तब तक वे किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को अपनी सेवाएं मुहैया नहीं कराएंगे। बराक घाटी में कछार, श्रीभूमि (पूर्व में करीमगंज) और हैलाकांडी के तीन जिले शामिल हैं और यह घाटी बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के साथ 129 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करती है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में फैसला
बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2024) को संवाददाताओं से कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है। हम इसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं कर सकते, इसलिए हमने फैसला किया है कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता और हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हो जाते, तब तक हम पड़ोसी मुल्क के किसी भी नागरिक को अपने यहां नहीं रखेंगे।"
अगर स्थिति में सुधार होता है, तभी हम फैसले पर पुनर्विचार करेंगे: राय
बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने कहा- "यह विरोध जताने का हमारा तरीका है।" उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में स्थिरता लौट आए। अगर स्थिति में सुधार होता है, तभी हम अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं।”
कुछ दिन पहले, बजरंग दल ने सिलचर में आयोजित एक वैश्विक प्रदर्शनी के आयोजकों से पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में बांग्लादेशी उत्पाद बेचने वाले दो स्टॉल बंद करने को कहा था और उनकी मांग मान ली गई थी।
10 दिसंबर को बांग्लादेश दूतावास तक आरएसएस करेगा मार्च
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) 10 दिसंबर 2024 को सिविल सोसाइटी ऑफ दिल्ली के बैनर तले बांग्लादेश दूतावास तक मार्च निकालेगा। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि दिल्ली में 200 से अधिक सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि विरोध मार्च में शामिल होंगे।