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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह सरकार संघ के इशारे पर चल रही है। कांग्रेस किसी से डरने वाली नहीं है। उनको पता नहीं है कि कांग्रेस किस मिट्टी की बनी है। जंतर मंतर पर लोकतंत्र बचाओ मार्च को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी ने उनको सघर्ष करना सिखाया है। वे डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दो साल में सबकुछ बर्बाद कर दिया।अगस्ता घोटाला मामले में कांग्रेस आज (शुक्रवार) खुलकर सामने आ गई और सड़क पर प्रदर्शन किया। संसद में बात नहीं बनी तो अब कांग्रेस सड़क पर भाजपा के आरोपों का जवाब दे रही है। रैली में राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार में सब परेशान है, चाहे वो नौजवान हो या फिर किसान। कांग्रेस ने पंचायती राज को मजबूत बनाया लेकिन मोदी सरकार लोकतंत्र को नष्ट कर रही है। लेकिन हम सरकार के खतरनाक इरादे पूरे नहीं होने देंगे। हम कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे। सोनिया ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने झूठे सपने दिखाकर सत्ता हासिल की। मुझे जिंदगी ने चुनौतियों से लड़ना सिखाया है। मोदी का नाम लिए बिना सोनिया ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कांग्रेस किस मिट्टी की बनी है।

नई दिल्ली: राज्यसभा में गुरुवार को सदस्‍यों ने खानपान की चीज़ों में होने वाली मिलावट को रोकने के लिये कड़ा क़ानून बनाने की मांग की गई। उपसभापति पीजे कुरियन और सत्ताधारी बीजेपी समेत कई पार्टियों के सांसदों ने खाने-पीने की चीज़ों में होने वाली मिलावट से निपटने के लिये कड़े कदम उठाने की मांग की। सरकार ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए कदम उठाने की बात कही। शून्यकाल में एसपी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि मिलावट बहुत बड़ा अभिशाप हो गया है। दिल्ली में दूध की 68 प्रतिशत सैंपलिंग फेल हो गई है। एक रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 70 प्रतिशत खाद्य पदार्थ नकली आ रहे हैं। देश में मिलावट के लिये सज़ा का प्रावधान केवल छह महीने है जबकि यूरोपीय देशों में इसको बेहद गंभीर अपराध माना गया है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इसके लिये क़ानून में कड़े प्रावधान बनाने चाहिये क्योंकि मौजूदा क़ानून इसको रोकने में सक्षम नहीं है। नरेश अग्रवाल की बात का सदन में कई सांसदों ने हाथ उठा कर समर्थन किया। उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। खाने पीने में मिलावट से कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने 3600 करोड़ रूपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे मामले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी से आज पूछताछ की। कुछ ही दिन पहले सीबीआई ने त्यागी से पूछताछ की थी। त्यागी आज (गुरूवार) सुबह 11 बजे से ठीक पहले एजेंसी के जोनल कार्यालय में पहुंचे। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि उनसे पूछताछ की जाएगी और धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जाएगा। सीबीआई ने भी इस मामले में पिछले तीन दिन तक भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख से पूछताछ की थी। यह पहली बार है, जब वायुसेना के पूर्व प्रमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है। एजेंसी सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि इटली के मिलान की अदालत के हालिया फैसले को देखते हुए त्यागी से पूछताछ जरूरी है। इटली की अदालत ने इतालवी रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र की बड़ी कंपनी फिनमेकेनिका के पूर्व प्रमुख जी. ओरसी और कंपनी के पूर्व प्रमुख ब्रूनो स्पैगनोलिनी को भारत को वीवीआईपी उद्देश्यों के लिए एक दर्जन अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर बेचने में भ्रष्टाचार के आरोपों का दोषी ठहराया था। त्यागी का नाम इस फैसले में कई बार सामने आया।

नई दिल्ली: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली टैक्सियां चलाए जाने पर रोक का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे बीपीओ के फलते-फूलते उद्योग पर खराब असर पड़ेगा और वे भारत से बाहर जाने के बारे में सोच सकती हैं। सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ से कहा कि बीपीओ उद्योग प्रभावित होंगे क्योंकि डीजल टैक्सियों का उपयोग कर्मियों को लाने ले जाने के लिए किया जाता है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। कुमार ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही एक आवेदन दायर करेगी क्योंकि यह बीपीओ कर्मियों की सुरक्षा से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि बीपीओ कर्मियों को होने वाली असुविधा के चलते कंपनियां देश से बाहर जा सकती है जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। इस पर अदालत ने सवाल किया कि बीपीओ कंपनियां कर्मियों को लाने ले जाने के लिए बसों की सेवाएं क्यों नहीं ले सकतीं। इस बीच, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने अदालत को सूचित किया कि वह डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से उत्पन्न स्थिति पर दिल्ली सरकार के साथ चर्चा कर रहा है।

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