नई दिल्ली: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली टैक्सियां चलाए जाने पर रोक का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे बीपीओ के फलते-फूलते उद्योग पर खराब असर पड़ेगा और वे भारत से बाहर जाने के बारे में सोच सकती हैं। सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ से कहा कि बीपीओ उद्योग प्रभावित होंगे क्योंकि डीजल टैक्सियों का उपयोग कर्मियों को लाने ले जाने के लिए किया जाता है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। कुमार ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही एक आवेदन दायर करेगी क्योंकि यह बीपीओ कर्मियों की सुरक्षा से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि बीपीओ कर्मियों को होने वाली असुविधा के चलते कंपनियां देश से बाहर जा सकती है जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। इस पर अदालत ने सवाल किया कि बीपीओ कंपनियां कर्मियों को लाने ले जाने के लिए बसों की सेवाएं क्यों नहीं ले सकतीं। इस बीच, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने अदालत को सूचित किया कि वह डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से उत्पन्न स्थिति पर दिल्ली सरकार के साथ चर्चा कर रहा है।
इस पर उच्चतम न्यायालय ने वकील से कहा कि वह इस मुद्दे पर खाका पेश करे जिसपर नौ मई को चर्चा होगी जब इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।