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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में कांग्रेस ने अडानी और मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की। इसके अलावा विपक्षी दलों ने उत्तर भारत में प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग की।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि उनकी पार्टी ने अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की अनुमति देने की सरकार से अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया जाए। राज्यसभा सदस्य तिवारी ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने के वास्ते नेताओं और नौकरशाहों को 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का कथित तौर पर भुगतान किया।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और गौरव गोगोई के अलावा टी शिवा, हरसिमरत कौर बादल और अनुप्रिया पटेल शामिल हुए।

वक्फ (संशोधन) विधेयक भी सूचीबद्ध

लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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