नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने गौतम अडानी और संभल हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी मामले पर चर्चा की मांग की, लेकिन राज्यसभा सभापति ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी। हंगामे के चलते राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 11.45 तक स्थगित कर दी।
उधर, लोकसभा में अडानी और संभल हिंसा को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
एक बार स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 11.45 बजे फिर से शुरू हुई, लेकिन विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। कल यानि मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी। ऐसे में अब बुधवार को फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होगी।
संसद में हाल ही में दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिवंगत सांसदों की उपलब्धियों का जिक्र किया। इसके बाद ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित की गई। 12 बजे जैसे ही सदन की बैठक फिर से शुरू हुई सदस्यों की तरफ से नारेबाजी शुरु हो गयी। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि उनके सांसद के खिलाफ एफआईआर हुई है। जिसके बाद सदन की कार्रवाई को एक स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में भी दिवंगत सांसदों को दी गई श्रद्धांजलि
राज्यसभा में भी सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सदन के दिवंगत सांसदों की उपलब्धियों का जिक्र किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर किया करारा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडियो को संबोधित किया। उन्होंने का कि शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले PM मोदी ने कहा, "पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें। लेकिन 80-90 बार जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते हैं। वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है।"
उन्होंने कहा कि कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है।हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई हैं - संसद और हमारे सांसद। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।
पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगअपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को भी मुट्ठीभर लोगों की हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।