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नई दिल्ली: करोड़ों रुपये के लोन डिफॉल्टर शराब कारोबारी विजय माल्या का राज्यसभा से इस्तीफा बुधवार को स्वीकार कर लिया गया। इससे पहले उच्च सदन की आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में माल्या को सदन से हटाने की सिफारिश की थी। उपसभापति पी जे कुरियन ने सदन में घोषणा की कि सभापति हामिद अंसारी को माल्या का 3 मई को एक पत्र मिला था जिसमें उन्होंने सदन की अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि उच्च सदन में कर्नाटक से सदस्य के तौर पर माल्या का त्यागपत्र सभापति ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले बुधवार को सदन में पेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डॉ माल्या के पत्र के साथ साथ संपूर्ण मामले पर विचार करने के पश्चात आचार समिति ने 3 मई 2016 को हुई अपनी बैठक में एकमत से सभा से यह सिफारिश करने का निर्णय किया कि डॉ विजय माल्या को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया जाए। साथ ही समिति ने यह भी कहा कि समिति आशा व्यक्त करती है कि ऐसा सख्त कदम उठाने से जनता में यह संदेश पहुंचेगा कि संसद इस महान संस्था की गरिमा और गौरव बनाए रखने के लिए चूककर्ता सदस्यों के खिलाफ ऐसे कदम उठाने के लिए वचनबद्ध है, जो आवश्यक हैं।

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