नई दिल्ली: राज्यसभा में गुरुवार को सदस्यों ने खानपान की चीज़ों में होने वाली मिलावट को रोकने के लिये कड़ा क़ानून बनाने की मांग की गई। उपसभापति पीजे कुरियन और सत्ताधारी बीजेपी समेत कई पार्टियों के सांसदों ने खाने-पीने की चीज़ों में होने वाली मिलावट से निपटने के लिये कड़े कदम उठाने की मांग की। सरकार ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए कदम उठाने की बात कही। शून्यकाल में एसपी के नरेश अग्रवाल ने कहा कि मिलावट बहुत बड़ा अभिशाप हो गया है। दिल्ली में दूध की 68 प्रतिशत सैंपलिंग फेल हो गई है। एक रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 70 प्रतिशत खाद्य पदार्थ नकली आ रहे हैं। देश में मिलावट के लिये सज़ा का प्रावधान केवल छह महीने है जबकि यूरोपीय देशों में इसको बेहद गंभीर अपराध माना गया है। अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इसके लिये क़ानून में कड़े प्रावधान बनाने चाहिये क्योंकि मौजूदा क़ानून इसको रोकने में सक्षम नहीं है। नरेश अग्रवाल की बात का सदन में कई सांसदों ने हाथ उठा कर समर्थन किया। उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। खाने पीने में मिलावट से कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं।
कुरियन ने कहा कि सरकार को ऐसा क़ानून बनाना चाहिए जिसमें धार हो। संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मिलावट को लेकर सदस्यों की चिंताएं जायज़ हैं, वे संबंधित मंत्री को सबकी भावनाओं से अवगत करवा देंगे