नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल किया कि कल सदन में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के जिन गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया था वे दस्तावेज उन्हें कैसे हासिल हुए। व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आज कहा कि कल सदन में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया गया था। शर्मा ने कहा कि सदन को यह बताया जाना चाहिए कि इन दस्तावेजों का हवाला देने वाले स्वामी की उन दस्तावेजों तक उनकी पहुंच कैसे हुई, जिन्हें उन्होंने सत्यापित कराने और सदन के पटल पर रखने से इंकार कर दिया था। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर स्वामी दस्तावेजों को सत्यापित कराने तथा सदन के पटल पर रखे जाने की उनकी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं तो नियम अपना काम करेंगे। कुरियन ने कहा इसका (व्यवस्था का) पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कल उन्होंने व्यवस्था दी थी कि जिन भी दस्तावेजों का हवाला दिया जा रहा है उन्हें सत्यापित किया जाए और सदन के पटल पर रखा जाए। उन्होंने कहा इसका पालन करना होगा। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्वामी ने जिन दस्तावेजों का हवाला दिया था उन्होंने उसे सत्यापित कराया और सदन के पटल पर रख दिया है।
नकवी ने कहा स्वामी ने मुद्दे का ध्यान रखा है। इससे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि कल से एक प्रमुख टीवी चैनल में दिखाया जा रहा है कि सरकारी एजेंसियां गांधी परिवार को फंसाने के लिए किस तरह दबाव बना रही हैं। तिवारी ने व्यवस्था के प्रश्न के तहत यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि कुछ गद्दार यहां अव्यवस्था उत्पन्न करने ओर देश को अस्थिर करने के लिए दूसरे देशों से धन ले रहे हैं। कुरियन ने कहा कि यह किसी भी तरह से व्यवस्था का प्रश्न नहीं है इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच तिवारी ने फिर कहा कि कुछ गद्दार देश को अस्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं। बहरहाल, कुरियन ने उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी। पूर्व में कांग्रेस के जयराम रमेश ने उप सभापति से कहा कि उन्होंने एक सप्ताह पहले गुजरात में हुए केजी बेसिन के कथित घोटाले पर चर्चा की मांग करते हुए एक नोटिस दिया था लेकिन उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। रमेश ने कहा कि सदन में कल सत्यापित न किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के मुद्दे पर चर्चा की गई लेकिन जिस 22000 करोड़ रूपये के केजी बेसिन घोटाले का कैग की रिपोर्ट में जिक्र है उस पर चर्चा का अता-पता नहीं है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने सदन में कहा था कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है इसलिए केजी बेसिन के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा हमने यह कभी नहीं कहा कि हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। सदन के नेता और वित्त मंत्री ने कहा कि जिन मुद्दों पर राज्य की लोकलेखा समिति विचार करती है उन पर यहां चर्चा नहीं की जा सकती। संविधान में भी स्पष्ट कहा गया है कि राज्यों के मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होगी। फिर भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आसन की ओर से जो भी निर्णय किया जाएगा, हम उसका पालन करेंगे। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह राज्य का मुद्दा नहीं है। जदयू के के सी त्यागी ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे और केजी बेसिन के मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमति बनी थी। अगर सरकार इससे इंकार करती है तो यह पैर पीछे खींचने वाली बात होगी इसलिए इस पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए। कुरियन ने कहा कि रमेश के नोटिस पर सभापति विचार कर रहे हैं और वह इस पर व्यवस्था देंगे। माल्या के इस्तीफे पर सवाल सपा के नरेश यादव ने जानना चाहा कि कल उच्च सदन की आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न बैंकों के करोड़ों रूपये का कर्ज नहीं लौटाने के आरोपी शराब उद्योगपति विजय माल्या को सदन से हटाने की सिफारिश की थी और बाद में सभापति ने माल्या का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। जब इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया तो ऐसे में समिति की रिपोर्ट का क्या औचित्य रहा और क्या अब माल्या पर कार्रवाई की जा सकेगी। इस पर कुरियन ने कहा कि समिति की रिपोर्ट कल सदन में पेश की गई और अब यह सदन की संपत्ति है। सदन तय करेगा कि इस रिपोर्ट पर चर्चा की जानी है या नहीं। जहां तक सभापति का प्रश्न है तो उन्होंने संविधान के नियमों के अनुसार कदम उठाया है। गौरतलब है कि कल कुरियन ने सदन में घोषणा की थी कि सभापति हामिद अंसारी को माल्या का तीन मई को एक पत्र मिला था जिसमें उन्होंने सदन की अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि उच्च सदन में कर्नाटक से सदस्य के तौर पर माल्या का त्यागपत्र सभापति ने चार मई से स्वीकार कर लिया।