नई दिल्ली: विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में फैसला सुनाने वाले इतालवी न्यायाधीश ने कहा कि एंग्लो-इतालवी हेलिकॉप्टर फर्म के पक्ष में सौदा कराने के एवज में कथित रिश्वतखोरी को लेकर किसी भारतीय नेता के संबंध में कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। इतालवी बिचौलियों और हेलिकॉप्टर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश मार्को मारिया मैगा ने टीवी चैनलों से कहा कि एक संभावना है लेकिन कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। मिलान अदालत के न्यायाधीश मैगा ने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि इतालवी बिचौलियों ने भारतीय नेताओं को रिश्वत की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि उनका फैसला सिर्फ हेलिकॉप्टर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ था, जिन्होंने भारत में कुछ अधिकारियों को रिश्वत दी थी और यह भारतीय जांच अधिकारियों पर है कि वो धन के लेन-देन का पता लगाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों की पहचान करना इतालवी अदालत के फैसले में नहीं था। हम स्पष्ट हैं कि हमारे फैसले का उद्देश्य दो इतालवी व्यापारियों और उनके दोषारोपण पर था। उन्होंने कहा कि उनका आदेश दस्तावेजों पर आधारित था, जिसने संभवत: दर्शाया कि पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी के परिवार को अप्रैल 2012 तक धन मिला।
न्यायाधीश ने कहा कि भारत में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टरों को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्य लोगों को रिश्वत दी गई हो सकती हैं लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं है। गुइदो हाश्के, कार्लो गेरोसा और क्रिश्टियन माइकल ने अदालत में आरोप लगाया है कि धन शशि त्यागी :तत्कालीन वायु सेना प्रमुख: के साथ त्यागी परिवार को दिया गया। त्यागी ने कथित रिश्वतखोरी में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है। भारत सरकार से मिले सहयोग के बारे में पूछे जाने पर न्यायाधीश ने कहा कि हमारे पास सीएजी की रिपोर्ट की एक प्रति, अनुरोध पत्र की प्रति, समझौते की प्रति थी। इसके अलावा कुछ नहीं था। उन्होंने कहा था कि भारतीय पक्ष की तरफ से मामले में तथ्यों के स्पष्टीकरण में ठोस तौर पर दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा कि हम उसी का संज्ञान ले सकते हैं, जो हमारे पास भेजा गया। मामले में अभियोजक द्वारा अहस्ताक्षरित नोट का हवाला दिए जाने पर न्यायाधीश ने कहा कि उनमें से एक आरोपी ने कहा कि उसे याद नहीं है जबकि दूसरे आरोपी ने आरोप लगाया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल थे। पटेल ने आज सौदे में किसी संलिप्तता से इंकार किया और कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो वह सार्वजनिक जीवन छोड़ देंगे और राज्यसभा से इस्तीफा दे देंगे।