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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने आगरा में मंत्री राम शंकर कठेरिया की कथित घृणा फैलाने वाली टिप्पणियों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों से मतलब है और वह केवल अल्पसंख्यकों के विकास पर ध्यान देती हैं। नजमा ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी मेरे प्रधानमंत्री हैं, जो वह कहते हैं मैं उसका अनुसरण करती हूं। कौन क्या कह रहा है, प्रधानमंत्री देखेंगे, सभी मंत्री उनके अंतर्गत काम करते हैं। मेरे अंतर्गत नहीं। मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है।’ उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारी अजय कुमार की उन कथित टिप्पणियों को कमतर करके जताया कि देश की स्थिति उन्हें शांति से सोने नहीं दे रही है।

नई दिल्ली: पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा का आज (शुक्रवार) निधन हो गया। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन को यह जानकारी दी कि 68 साल की उम्र में संगमा का निधन हो गया। लोकसभा में शोक जताते हुए वर्तमान स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, हंसते हुए सदन कैसे चलाना है ये मैंने माननीय संगमा जी से ही सीखा है। संगमा के निधन पर दो मिनट का मौन रखने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। संगमा 1996 से 1998 तक वह लोकसभा स्पीकर थे। पीए संगमा की बेटी अगाथा भी सांसद थी। पीए संगमा का जन्म 1 सितंबर 1947 को मेघालय में हुआ था। उन्होंने शिलांग से स्नातक और फिर असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली।

नई दिल्ली: एक विहिप कार्यकर्ता की हत्या के बाद ‘बदला’ लेने के संघ परिवार के कुछ नेताओं की कथित टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में आज (गुरूवार) चिंता जतायी और एक मनोनीत सदस्य ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की वकालत की। सरकार ने भी ऐसे कथित बयानों की निंदा की और कहा कि इस देश की एकता और सौहार्द्र पूरी मजबूती से बरकरार है। शून्यकाल में मनोनीत सदस्य अनु आगा ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि संघ परिवार के कुछ सदस्यों ने हाल ही में ऐसी टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी वाले पदों पर नियुक्त लोगों ने आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से विकास का एजेंडा प्रभावित होता है और हमें मतभेदों को भूलकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगायी जानी चाहिए और उनकी निंदा की जानी चाहिए।

नई दिल्ली: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक को संसद में पेश करने के लिए सरकार ने आज (गुरूवार) कोई समय सीमा बताने से इंकार कर दिया और कहा कि पार्टियों के भीतर इस पर आम सहमति की जरूरत है। लोकसभा में विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और राज्यसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि लोकसभा में विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मुहैया कराना सरकार का प्रयास है। गौड़ा ने कहा, ‘संसद में संविधान संशोधन विधेयक लाने से पूर्व इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार की जरूरत है।’ उनसे इस मुद्दे पर जल्द किसी फैसले पर पहुंचने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गयी थी। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा लाया गयी इसी प्रकार का विधेयक 15वीं लेाकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद निष्प्रभावी हो गया था।

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