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नई दिल्ली: इशरत जहां मुठभेड़ मामले में हलफनामों को लेकर मंगलवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और भाजपा ने जहां कांग्रेस पर इस सनसनीखेज मुठभेड़ मामले में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और जांच की मांग की वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए दुष्प्रचार का आरोप लगाया। कांग्रेस ने पूछा कि क्या मोदी सरकार दोषी पुलिसकर्मियों के अभियोजन को रोकने के लिए मामले में हस्तक्षेप कर रही है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे आर वी एस मणि के एक साक्षात्कार से यह बहस शुरू हुई जिन्होंने दो हलफनामे दाखिल किये थे। इंटरव्यू में मणि ने आरोप लगाया कि उन्हें मामले में वरिष्ठ आईबी अधिकारियों को फंसाने के लिए प्रताड़ित किया गया था ताकि यह पेश किया जा सके कि इशरत और अन्य तीन लश्कर आतंकवादियों के साथ 2004 में अहमदाबाद में हुई मुठभेड़ फर्जी थी। मणि का कहना था कि दूसरा हलफनामा दाखिल करने के फैसले के पीछे चिदंबरम थे।

नई दिल्ली: आम बजट 2016 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर टैक्स लगाने के विवादास्पद प्रस्ताव पर सरकार ने एक और विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया है, वहीं शीर्ष सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस कदम से तुरंत पीछे हटने की कोई संभावना नहीं है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार सुबह भाजपा सांसदों की एक बैठक में इस कदम पर जानकारी देने के साथ ही कहा था कि इस कदम को वापस लिए जाने पर कोई भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही लेंगे, जिससे संकेत मिलता है कि एक ओर जहां सरकार फिलहाल अपने फैसले पर टिकी हुई है, वहीं वह माहौल पर भी बारीकी से नज़र रखे हुए है। ईपीएफ से निकासी पर टैक्स लगाए जाने के इस कदम का आम लोगों और राजनैतिक पार्टियों की तरफ से चौतरफा विरोध हो रहा है। वित्तमंत्री ने मंगलवार को ही कहा कि इस कदम के पीछे एक पेंशनभोगी समाज बनाने का विचार है, खासतौर से निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए, जिनके पास पेंशन की कोई सुविधा फिलहाल नहीं है।

नई दिल्ली: हरियाणा में मुरथल के पास जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए कथित सामूहिक बलात्कार मामले की हाईकोर्ट की देख रेख में न्यायिक जांच कराने की मांग मंगलवार को राज्यसभा में की गई। शून्यकाल में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस कथित घटना को लेकर मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस दिया है लेकिन राज्य सरकार ने तो इस घटना से ही इंकार कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है। शैलजा ने कहा कि इस मामले में गवाह सामने नहीं आ रहे हैं और खुद राज्य सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है और जंगल राज है। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा में करोड़ों रूपए की संपत्ति का नुकसान हुआ लेकिन राज्य सरकार और पुलिस ने इसे रोकने के लिए अपेक्षित कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि मुरथल मामले में भी पुलिस अपना दायित्व निर्वाह करने में नाकाम रही है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की मांग करते हुए अन्नाद्रमुक सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही।लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगन के बाद कल (बुधवार) तक के लिए स्थगित कर दी गई। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की। मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए। अन्नाद्रमुक सदस्य अपने हाथों में एक समाचार पत्र लिये हुए थे जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों का उल्लेख था। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और प्रश्न लिये। संबंधित मंत्री ने जवाब भी दिया। लेकिन व्यवस्था बनते नहीं देख अध्यक्ष ने कुछ ही देर बाद करीब 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दिया। सवा ग्यारह बजे कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। अन्नाद्रमुक सदस्य एक बार फिर अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे।

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