नई दिल्ली: एक विहिप कार्यकर्ता की हत्या के बाद ‘बदला’ लेने के संघ परिवार के कुछ नेताओं की कथित टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में आज (गुरूवार) चिंता जतायी और एक मनोनीत सदस्य ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की वकालत की। सरकार ने भी ऐसे कथित बयानों की निंदा की और कहा कि इस देश की एकता और सौहार्द्र पूरी मजबूती से बरकरार है। शून्यकाल में मनोनीत सदस्य अनु आगा ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि संघ परिवार के कुछ सदस्यों ने हाल ही में ऐसी टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी वाले पदों पर नियुक्त लोगों ने आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से विकास का एजेंडा प्रभावित होता है और हमें मतभेदों को भूलकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगायी जानी चाहिए और उनकी निंदा की जानी चाहिए।
विपक्ष के कई सदस्यों ने उनकी बातों से खुद को संबद्ध किया। इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार इस प्रकार की घटनाओं का समर्थन नहीं करती और इसकी निंदा करती है। शून्यकाल में ही कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने उत्तर प्रदेश के बड़ौत शहर में 19 फरवरी को आरएसएस एवं भाजपा के कथित सदस्यों द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर कालिख पोते जाने का मामला उठाया। उन्होंने देश के निर्माण में नेहरू के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगों ने अंग्रेजों का साथ दिया और अपने कार्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया, वे हमें राष्ट्रवाद सिखा रहे हैं।