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गुवाहाटी: महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे का बयान आया है। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वो पार्टी को नहीं छोड़ने वाले हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे बाला साहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे समेत 22 विधायक सूरत से असम पहुंच गए हैं। गुवाहाटी एयरपोर्ट से निकलते समय एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उन्होंने शिवसेना छोड़ी नहीं है, बालासाहेब का हिंदुत्व आगे बढ़ाएंगे। जबकि एक विधायक अब्दुल सत्तार ने मजाकिया लहजे में कहा बिरयानी खाने आए हैं।

एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है और कुल मिलाकर 46 विधायक उनके साथ हैं। जबकि राज्यपाल से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो आगे की रणनीति है, अभी नहीं कह सकते। वहीं आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कैबिनेट की बैठक करने वाले हैं।

बता दें कि मंगलवार को देर शाम शिवसेना के दो नेता सूरत में शिंदे से मिले थे और उन्हें मनाने की कोशिश की गई थी।

गुवाहाटी: असम में सभी प्रमुख नदियों के उफान पर रहने के साथ ही बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है तथा 47 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं एवं और 11 की जान चली गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा से बातचीत की। असम पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है तथा 36 में से 32 जिलों में 47,72,140 लोग उससे प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार 11 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 82 हो गई। डर्रांग में तीन, नगांव में दो, कच्छार, डिब्रूगढ़, हैलकांडी , होजाई, कामरूप और लखीमपुर में एक एक व्यक्ति की जान चली गई। उदालगुरी एवं कामरूप में दो-दो तथा कच्छार, डर्रांग एवं लखीपुर में एक एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है।

सरमा ने ट्वीट किया कि माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी ने असम की बाढ़ की स्थिति के बारे में पता करने के लिए सुबह से दो बार फोन किया। उन्होंने बताया कि गृहमंत्रालय शीघ्र ही अधिकारियों का एक दल प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भेजेगा। उनकी मदद के लिए उनका आभार।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ से हालात दिन पर दिन बिगड़े ही जा रहे हैं। राज्य में बाढ़ से अब 42 लाख लोग प्रभावित हैं। जबकि सभी 33 जिलों में बाढ़ का कोहराम देखने को मिल रहा है। बाढ़ से राज्य में स्थिति कितनी भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 24 घंटे में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि बीते एक सप्ताह में 33 लोगों की जान गई है। राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी समेत आधा दर्जन से ज्यादा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य सरकार ने भी आम जनता के लिए राहत कैंपों में तमाम व्यवस्था की है। मिली जानकारी के अनुसार अभी राज्यभर में 744 राहत कैंपों में कुल 1.80 लाख लोग रह रहे हैं।

राज्य में बाढ़ से बिगड़ते हालात के बीच बीते 24 घंटों में राज्य के 33 जिलों के 4,296 से ज्यादा गांवों की कुल 30,99,762 से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। पिछले 24 घंटों में 9 लोगों की जान चली गई हैं. अब अप्रैल से अब तक कुल 62 लोगों की मौत हुई है, इनमें 51 बाढ़ में और 11 भूस्खलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं कुल 66455.82 हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ से जान-माल को काफी नुकसान पहुंचा है। काफी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पिछले 24 घंटों में राज्य के 32 जिलों के 4,296 गांवों की कुल 30,99,762 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की जान चली गई हैं। अब अप्रैल से अब तक कुल 62 लोगों की मौत हुई है, इनमें 51 बाढ़ में और 11 भूस्खलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं कुल 66455.82 हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है।

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। इन राहत शिविरों में कुल 1,56,365 लोग शरण लिए हुए हैं। बता दें कि असम में 30 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। राज्य के 32 जिलों में 4 हजार से ज्यादा गांव पानी में डूबे हैं और 1.56 लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं।

वहीं पड़ोसी राज्य मेघालय में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश जारी है। पश्चिमी त्रिपुरा में शनिवार को लगातार बारिश की वजह से काफी जानममाल को नुकसान पहुंचा है।

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