तेहरान/वाशिंगटन: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिट्ठी के जवाब में अमेरिका के साथ सीधी बातचीत करने से मना कर दिया है. तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर वाशिंगटन के साथ समझौते पर सहमत नहीं हुआ तो उस पर बमबारी की जाएगी और टैरिफ लगाए जाएंगे।
पेजेशकियन ने कहा, "हालांकि इस प्रतिक्रिया में दोनों पक्षों के बीच प्रत्यक्ष वार्ता की संभावना को खारिज कर दिया गया है, लेकिन इस बात पर जोर दिया गया है कि अप्रत्यक्ष वार्ता का रास्ता खुला है।" ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने हाल ही में कहा कि तेहरान ने ओमान के जरिए भेजे गए ट्रंप के संदेश का जवाब दिया है, जिसमें ईरान से नए परमाणु समझौते पर सहमत होने का आग्रह किया गया है।
वहीं, एनबीसी न्यूज के साथ टेलीफोन पर हुए इंटरव्यू में ट्रंप ने पुष्टि की कि अमेरिकी और ईरानी अधिकारी बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई और ब्यौरा नहीं दिया।
ट्रंप ने कहा, "अगर वे कोई सौदा नहीं करते हैं, तो बमबारी होगी लेकिन एक संभावना यह भी है कि अगर वे कोई सौदा नहीं करते हैं तो मैं उन पर दोहरा टैरिफ लगा दूंगा, जैसा मैंने चार साल पहले किया था।"
पश्चिमी देशों का दावा है कि ईरान गुपचुप तरीके से जरूरी स्तर से ज्यादा यूरेनियम को समृद्ध करके परमाणु हथियार बनाने पर काम कर रहा है। तेहरान इन आरोपों से इंकार करता है और उसका कहना है कि उसका कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
2015 के समझाते से डोनाल्ड्र ट्रंप ने खींचे हाथ
2017 से 2021 तक के अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने ईरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका का हाथ वापस खींच लिया था। इस समझौते ने प्रतिबंधों में राहत के बदले में तेहरान की परमाणु गतिविधियों पर सख्ती कर दी। बाद में ट्रंप ने व्यापक अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया, जिसके कारण ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को सहमत स्तरों से ज्यादा बढ़ा दिया।