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गुवाहाटी: असम के 22 जिलों में बाढ़ से अभी तक राहत नहीं मिल पाई है। इन जिलों के लगभग 7.20 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएएमए) ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन में अब तक कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है।
एएसडीएमए ने रविवार को कहा कि 91,518 प्रभावित लोग वर्तमान में राज्य भर में 269 राहत शिविरों में रह रहे हैं। प्रशासन ने 152 राहत वितरण केंद्र भी स्थापित किए हैं। एएसडीएमए ने आगे कहा, भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्वयंसेवकों की मदद से बाढ़ में फंसे हुए करीब 26,236 लोगों को बचाया गया है।
बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, दरांग, धेमाजी, धुबरी, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, जोरहाट, कामरूप, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी ये वो जिले हैं जहां बाढ़ की वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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गुवाहाटी: बाढ़ के पानी के बीच एक जोखिम भरे नाव की सवारी और धान के खेतों से कुछ मील की पैदल दूरी असम के नगांव जिले के हाटीगढ़ के किनारे तक ले जाते हैं। जो राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित है। मेघालय में बारापानी बांध से छोड़ा गया पानी और कोपिली नदी के उफान से यह क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।
महज दो दिनों में गांव में सैकड़ों परिवार पानी में डूब गए हैं। 41 साल की लीलाबती दास अपने घर को देखकर आंसू नहीं रोक पा रही हैं। उसकी मिट्टी की झोपड़ी पहले ही बाढ़ के पानी को रास्ता दे चुकी है, वर्तमान में कमर तक गहरी और घंटे के हिसाब से पानी ऊपर उठ रही है।
लीलाबती और उनके सात लोगों का परिवार बाढ़ में फंसा हुआ है, उनकी दस बीघे की खेती भी नष्ट हो गई है। इन जमीनों से होने वाली उपज से उन्हें एक साल तक खाना मिलता और परिवार को कम से कम एक लाख रुपये की आमदनी होती, लेकिन अब कुछ नहीं बचा है। लीलाबती ने एनडीटीवी को बताया, "हमने अपनी दस बीघा जमीन में धान की खेती के लिए ₹50 हजार का कर्ज लिया था। अब हम कैसे चुकाएंगे?
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गुवाहाटी: असम में लगातार बारिश से कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है। राज्य के 24 जिलों में करीब दो लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले कछार जिले में ही 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से 46 राजस्व मंडलों के 652 गांव प्रभावित हैं। बाढ़ के पानी में 16,645.61 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न है।
असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि कछार, चराईदेव, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़ और दीमा-हसाओ सहित 24 जिलों में अब तक 2,02,385 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग लापता भी हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है। कछार में जिला प्रशासन की तरफ से 55 राहत शिविर और 12 वितरण केंद्र बनाए गए हैं। लगभग 33 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों ने यहां शरण ली है।
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गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कल गृह मंत्री अमित शाह को बतौर देश के प्रधानमंत्री और पीएम मोदी को गृह मंत्री के रूप में संबोधित किया था। असम सीएम हेमंत बिस्वा के इस संबोधन का वीडियो अब असम कांग्रेस की ओर से ट्वीट किया गया है। जिसमें कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा ने अमित शाह का चयन देश के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर कर लिया है।
असम कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जब सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री थे। तब एमपी पल्लब लोचन दास ने कई अवसरों पर कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वा को असम का मुख्यमंत्री कहा था। क्या भाजपा ने नरेंद्र मोदी जी की जगह अगले प्रधानमंत्री के चेहरे का चुनाव कर लिया है? अमित शाह का पीएम के तौर पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया गया है। दास के उदाहरण से लगता है कि जुबान नहीं फिसली है?
हेमंत बिस्वा के अमित शाह को पीएम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गृह मंत्री (एचएम) कहने पर भाजपा की सफाई आई है। भाजपा ने कहा है कि हेमंत बिस्वा की जुबान फिसल गई, उन्होंने गलती से ऐसा बोल दिया।
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