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नई दिल्ली: अखिलेश यादव के बयान (अयोध्या में सेना को बुलाना चाहिए) का योगी सरकार मे मंत्री ओपी राजभर ने अपना समर्थन दिया है। अखिलेश यादव की तरह ही ओपी राजभर का भी मानना है कि अयोध्या में शिवसेना और वीएचपी के कार्यक्रम को देखते हुए सेना को लाया जाना चाहिए। दरअसल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन हालात को अयोध्या के लिए ख़तरनाक बता रहे हैं। उनकी मांग है कि अयोध्या में फौज बुलाई जाए। पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है।

अखिलेश यादव ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अयोध्या में वीएचपी और शिवसेना की रैलियों के मद्देनज़र सेना तैनात की जाए। उत्तर प्रदेश के योगी कैबिनेट में मंत्री ओपी राजभर ने स्पष्ट कहा कि मैं अखिलेश (यादव) के बयान का स्वागत करता हूं। अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है, फिर भी प्रशासन वहां लोगों को जमा होने दे रहा है। इसका मतलब है कि वह नाकाम हो चुका है। अयोध्या में सेना को लाया जाना चाहिए। ओपी राजभर ने विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए चुनावी अभियान में व्यस्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला है।

लखनऊ: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के वरिष्ठ सदस्य एवं अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित ‘धर्म सभा’ को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रणनीति का हिस्सा करार देते हुए दावा किया कि अयोध्या के मौजूदा हालात के मद्देनजर वहां के मुसलमान खौफज़दा हैं। जीलानी ने कहा कि अयोध्या के मुसलमान पिछले करीब एक हफ्ते से खौफजदा हैं। जो लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उनसे हमने कहा है कि वे लखनऊ आज जाएं। उन्होंने कहा ‘‘हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं...।’’

एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ सदस्य ने दावा किया कि अयोध्या में आज जो भी हो रहा है, वह अदालत की अवमानना है। नियम तो यही है कि जो मामला अदालत में चल रहा हो, उसके बारे में सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया तो दूर, उसका जिक्र तक नहीं करना चाहिये। मगर अदालत को बयानों और आयोजनों के जरिये चुनौती दी जा रही है। विहिप द्वारा अयोध्या में कल आयोजित ‘धर्म सभा’ को भाजपा और संघ की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा करार देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी मंदिर बनाने के लिये बहुत गम्भीर है।

अयोध्या: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर निर्माण को लेकर आज कहा कि वह यहां कोई राजनीति करने नहीं आये हैं लेकिन सरकार मंदिर बनाने की तारीख बताये। ठाकरे ने यहां एकत्र शिवसेना समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। मैं सोये हुए कुंभकर्ण को जगाने आया हूं।' उन्होंने कहा कि दिन, महीने, साल और पीढियां निकल गयीं । साथ ही कटाक्ष किया, 'मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। पहले बताओ कि मंदिर कब बनाओगे। मुझे मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए । बाकी बातें बाद में होती रहेंगी ।'

ठाकरे ने कहा कि वह श्री राम चंद्र का दर्शन करने आये हैं । राम लला और हिन्दुत्व को वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब मिली जुली सरकार थी। उस समय यह कार्य कठिन हो सकता था। लेकिन आज की सरकार ताकतवर सरकार है। 'केन्द्र में भी और उत्तर प्रदेश में भी ... अध्यादेश लाना चाहते हैं लाइये, कानून बनाना चाहते हैं, कानून बनाइये । शिवसेना उसका पूरा समर्थन करेगी।' उन्होंने कहा कि किये हुए वायदे निभाना, वचन देकर पूरा करना ही हमारा हिन्दुत्व है। सब मिलकर मंदिर बनाएंगे तो निर्माण कार्य जल्द पूरा होगा। हर हिन्दू चाहता है कि श्रीराम जन्मभूमि में श्रीराम का मंदिर होना ही चाहिए।

अयोध्या: लोकसभा चुनाव के मद्दनेजर रविवार को होने वाले धर्म संसद से अयोध्या में माहौल फिर से गरमाता नजर आ रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्‍व हिंदू परिषद की कल होने वाली धर्मसभा यानी धर्म संसद लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच रहे हैं। साथ ही शिवसेना के कई कार्यकर्ता रैली के लिए अयोध्या पहुंचने लगे हैं। महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से शिवसैनिक ट्रेनों से अयोध्या पहुंच रहे हैं। खास बात है कि अयोध्या में रैली के लिए खुद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पहुंचे हैं। उनके साथ पत्नी रश्मि और बेटा आदित्य भी मौजूद हैं। उद्धव ठाकरे शिवाजी के जन्मस्थान की मिट्टी लेकर आज दोपहर में यहां पहुंचें। ठाकरे ने मंदिर के लिए रजत शिला की पूजा भी की। यह शिला यूपी शिवसेना ने दी है। उद्धव ठाकरे ने मंच पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गौरी गणेश और श्री मानस का पूजन किया।

उद्धव से पहले बड़ी संख्या में शिव सैनिक भी अयोध्या में जुट चुके हैं। उद्धव अयोध्या में पुजारियों और साधु-संतों के साथ बैठक और रामलला के दर्शन भी करेंगे। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति को देखते हुए भारी तादाद में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इससे अयोध्या का माहौल गरमा गया है।

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