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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को अपने जन्मदिन पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा चुनाव में अपनी सहयोगी रही समाजवादी पार्टी (सपा) पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि संवाददाताओं ने जब मायावती से यह पूछा भी कि वह सपा के बारे में खामोश क्यों हैं तो उन्होंने कहा कि वह आज सिर्फ राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय दलों के बारे में बात कर रही हैं। मायावती का संवाददाता सम्मेलन करीब 21 मिनट चला। संवाददाता सम्मेलन के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह सपा पर कुछ क्यों नहीं बोलीं तो उन्होंने कहा कि उनका जन्मदिन पूरे देशभर में जनकल्याणकारी दिवस के रुप में मनाया जाता है और इसीलिए उन्होंने ज्यादातर केन्द्र से सम्बन्धित देश के खास व ज्वलन्त मुद्दों पर ही अपनी बात देश की जनता के समक्ष रखी।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यदि मुझे इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं यहाँ की राजनीति के बारे में बात करनी होती तो यकीनन इतना समय और भी लग जाता, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार जनहित व जनकल्याण के विरूद्ध एक ऐसी सरकार है जिसके संकीर्ण व गलत कार्यकलापों के कारण यहाँ की समस्त 22 करोड़ जनता काफी दुःखी व त्रस्त है।’’

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने पर कहा है कि नए-नए प्रयोग से अपराध कैसे कम होंगे? सिर्फ अधिकारियों की अदला बदली में व्यवस्था में बदलाव आने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 3 वर्ष पूरे होते-होते अब तथाकथित सुधारात्मक कदम उठाए जाने का अर्थ तो यही हे कि अभी तक अपराधों पर नियंत्रण नहीं रहा। जनता पर लगातार अत्याचार हो रहा है। बलात्कार, हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इस सबसे ध्यान भटकाने के लिए ही भाजपा ने अपना जाना पहचाना टोटका फिर अपनाया है।

यादव ने कहा कि भाजपा को विकास से जाने क्यों एलर्जी है। भाजपा के पास या तो भविष्य का कोई विजन नहीं है या वह इसके लिए सक्षम ही नहीं है। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय किए गए कार्यों के प्रति भाजपा का उपेक्षापूर्ण रवैया और उनके कामों पर अपना ठप्पा लगाने का कारोबार उसकी घटिया मानसिकता का ही परिचायक है।

कन्नौज: सोमवार को सपा अध्यक्ष छिबरामऊ के घिलोई में उस जगह पर पहुंचे जहां शुक्रवार रात हादसे में स्लीपर बस आग का गोला बन गई थी। उन्होंने छिबरामऊ अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती सभी घायलों से भी मुलाकात की। इसी दौरान किसी बात को लेकर डॉक्टर पर भड़क गए और बाहर निकल जाने को कहा। दरअसल, अखिलेश यादव अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों से मुआवजा राशि देने की बात कर रहे थे, इसी दौरान इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर बीच में बोल पड़े। इससे अखिलेश यादव नाराज हो गए।

अखिलेश ने कहा कि तुम मत बोलो, तुम सरकारी आदमी हो। हम जानते हैं क्या होती है सरकार। तुम्हें नहीं बोलना चाहिए। बाहर निकल जाओ। इसके बाद पूर्व सीएम ने मेडिकल ऑफिसर के पद व जिले के बारे में जानकारी ली। जैसे ही उनको पता चला कि डॉक्टर का पद ईएमओ व निवासी गोरखपुर बताया, पूर्व सीएम के मुंह से निकल पड़ा तभी वो सरकार का पक्ष ले रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा, चिकित्सक को बीच में नहीं बोलना चाहिए था।

लखनऊ: नागरिक संशोधन कानून की अधिसूचना जारी होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में रह रहे शरणार्थियों की पहचान का काम तेज हो गया है। प्रदेश के गृह विभाग के आदेश पर जिलों-जिलों में डीएम ऐसे लोगों की पहचान कर रहे हैं और रिपोर्ट शासन के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। फिलहाल प्रदेश में अब तक 32 हजार शरणार्थियों की पहचान हुई है। माना जा रहा है कि सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद यह संख्या एक लाख के करीब पहुंच सकती है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत प्रदेश के 21 जिलों से अब तक 32 हजार शरणार्थी चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सीएए को लेकर केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के साथ प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सीएए के तहत नागरिकता के लिए पात्र शरणार्थियों को चिह्नित करते हुए उनकी सूची बनाई जाए।

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