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लखनऊ: नागरिकता कानून को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को चेतावानी दी है। उन्होंने कहा कि अगर नागरिकता कानून को लेकर केंद्र सरकार नहीं मानी तो आने वाले समय में देश में 'महाभारत' होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि इस कानून के विरोध में हम पहले थे और अब भी हैं। उन्होंने अमित शाह के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जिसमें उन्होंने सीएए पर एक इंच भी पीछे न हटने की बात कही थी, कहा कि आपने महाभारत पढ़ी है? उसमें कभी कहा गया था कि सूई की नोक बराबर भी जमीन नहीं देंगे। उसके बाद क्या हुआ?  सीएए पर अगर सरकार नहीं मानी तो महाभारत होगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा में मोदी सरकार ने इस कानून के विरोध में विपक्ष की बात नहीं सुनी और न ही मानी यही वजह है कि आज आम जनता इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही है। बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता कानून के खिलाफ अपनी बात रखी हो। कुछ दिन पहले ही सीएए के खिलाफ हुई हिंसा के लिए राज्य की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर आगजनी और हिंसा की गई ताकि जनता को डराया जा सके।

 

अखिलेश ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की। पुलिस ने गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की। यह सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री बदला लेने की बात करता हो उस राज्य की पुलिस निष्पक्ष नहीं हो सकती। सरकार के इशारे पर पुलिस ने जानबूझकर आगजनी की ताकि जनता को डराया जा सके। यह लोकतंत्र में विश्वास ना करने वाली सरकार है।

सरकार द्वारा सपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा भड़काने के आरोप संबंधी सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि सपा कार्यकर्ताओं ने हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया, मगर सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और नौजवानों के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए खुद हिंसा को हवा दी। हिंसा में हुई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई दंगाइयों को चिह्नित कर उनकी संपत्ति कुर्क करके किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए सपा मुखिया ने कहा था कि फिर तो 2007 के गोरखपुर दंगों में हुए नुकसान की भी भरपाई की जानी चाहिए। उन दंगों में योगी आदित्यनाथ आरोपी थे। जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं मारा करते।

अखिलेश ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कुछ भाजपा विधायकों द्वारा सदन में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा था कि अगले साल कुछ बड़ा होने वाला है। भाजपा विधायक टी20 मैच खेलने के मूड में हैं। उन्होंने कहा था कि मुझे जानकारी मिली है इसीलिए मैं कह रहा हूं। नए साल में 20-20 का बंपर ऑफर आने वाला है। इस सवाल पर कि भाजपा के कितने विधायक सपा के संपर्क में हैं, अखिलेश ने कहा था कि हम तो समर्थन देने वाले रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस मामले पर कोई भी खुलासा नहीं किया।

इस सवाल पर कि सरकार कह रही है कि नया कानून नागरिकता छीनने नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है, सपा अध्यक्ष ने कहा था कि सरकार ने नोट बंदी के वक्त कहा था कि काला धन देश में वापस आएगा, भ्रष्टाचार कम होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ गया। ऐसे में नागरिकता कानून को लेकर सरकार की बात पर कैसे विश्वास किया जा सकता है।

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