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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लोकसभा में पेश बजट को जनता का भरोसा तोड़ने वाला और निराशाजनक करार दिया है। अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा कि यह दिवालिया सरकार का इस दशक का दिवालिया बजट है। इस बजट के बाद लोगों की जिंदगी पर संकट के और बादल छा जाएंगे। भाजपा सरकार चाहे जो कहे लेकिन उसके दावों के जमीन पर गिरकर ध्वस्त होने में अब ज्यादा समय नहीं लगने वाला। उन्होंने कहा कि बैंक डूब चुके हैं। रोजगार नहीं है। किसानों को कुछ नहीं मिला है। गन्ना किसानों का बकाया है। गरीब की जिन्दगी में कोई बदलाव नहीं आने वाला। कई निवेशकों के वादों के बावजूद निवेश नहीं आया है।

सरकार के खजाने में पैसा नहीं है। एलआईसी और एअर इण्डिया को बेचना पड़ रहा है। जब सामान्य आदमी की आमदनी ही नहीं है तो आयकर में राहत किस काम की? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट में गिरती अर्थव्यवस्था को सम्हालने और रोटी-रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कोई सोच नहीं दिखती है। इससे जनता का भरोसा टूटा है। मंहगाई पर नियंत्रण की कोई ठोस योजना नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, उन्हें अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तक नहीं मिल रहा है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट को विकासोन्मुखी बताया। योगी ने कहा, 'रोजगार के व्यापक सृजन, किसान हितैषी और विकासोन्मुख बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का हृदय से अभिनंदन करता हूं, बधाई देता हूं।'

उन्होंने कहा कि यह बजट देश के बुनियादी ढांचागत विकास के साथ ही किसानों के उन्नयन, नौजवानों के रोजगार और देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। योगी ने कहा कि यह बजट देश की वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला, प्रत्येक नागरिक की आशा और आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेगा।

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन काननू (सीएए) को लेकर बीते 19 दिसंबर को पूरे यूपी में हुए उग्र विरोध प्रदर्शनों और आगजनी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में संलिप्त प्रदर्शनकारियों की प्रॉपर्टी सीज कर की बात कही थी। योगी सरकार के इस फैसलों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 31 जनवरी को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से नोटिस जारी कर उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें राज्य में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिसों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश में यह नोटिस एक व्यक्ति के खिलाफ “मनमाने तरीके” से भेजा गया जिसकी 94 की उम्र में छह साल पहले मौत हो चुकी है।

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद में एक शातिर अपराधी सुभाष बाथम ने गुरुवार को जन्मदिन के बहाने 25 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था। पुलिस ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बदमाश को ढेर कर सभी बच्चों को रात लगभग 1 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। बदमाश सुभाष की पत्नी रूबी की भी मौत हो गई है। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुभाष की पत्नी रूबी जब घर से भागने का प्रयास कर रही थी तो इस बीच उसके पति ने फायरिंग कर दी वह घायल हो गई। महिला को बचाने का प्रयास किया गया इलाज के लिए उसे भेजा गया जहां महिला की मौत हो गई। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस एनकाउंटर पर 'ऑपरेशन मासूम' नाम दिया है। उन्होंने खुद इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी थी।

फर्रुखाबाद स्थित मोहम्मदाबाद कोतवाली के करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश था। उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इकट्ठा कर लिया।

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