ताज़ा खबरें
विधानसभा में सीएम उमर बोले-इतना पैसा नहीं कि मुफ्त बिजली दे सकें
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए दलों को किया आमंत्रित

फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद कोतवाली के करथिया गांव में शातिर अपराधी सुभाष बाथम ने गुरुवार (30 जनवरी) शाम जन्म दिन के बहाने 25 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था। पुलिस ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बदमाश को ढेर कर सभी बच्चों को रात लगभग 1 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। सीएम ने इसे 'ऑपरेशन मासूम' नाम दिया था। उन्होंने खुद इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी थी। करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश था।

उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इकट्ठा कर लिया। फिर उसने सभी बच्चो को घर में बंद कर लिया। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो पड़ोसी आदेश की पत्नी बबली अपनी पुत्री खुशी और बेटे आदित्य को बुलाने के लिए उसके घर पहुंच गई। उसने दरवाजा खटखटाया तो सुभाष ने खोलने से मना कर दिया। जब उसने ज्यादा जिद की तो उसने कहा कि पहले गांव के लालू को बुलाकर लाओ।

जब उसने मना किया तो वह गाली गलौज करने लगा। इस पर बबली अपने घर आई और परिजनों को जानकारी दी। गांव वालों ने पुलिस को खबर दी। सूचना पर गांव पहुंची यूपी 112 के जवानों ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। कहा कि अपनी समस्या बताओ उसका निदान किया जाएगा। लेकिन उसने तब भी दरवाजा नहीं खोला। परेशान होकर यूपी 112 के सिपाहियों ने कोतवाली इंस्पेक्टर को खबर दी। इंस्पेक्टर राकेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने दरवाजा खोलने को कहा तो शातिर अपराधी ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इतना ही नहीं उसने अंदर से हैंड ग्रेनेड भी फेंका, जिसमें इंस्पेक्टर, पीआरवी के दीवान जयवीर और सिपाही अनिल घालय हो गए। इससे पुलिस पीछे हट गई।

जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक नागेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में लाउड स्पीकर से उसे समझाने का प्रयास किया तो उसने फायर झोंक दिया। विधायक को भी पीछे हटना पड़ा। फायरिंग गांव के अनुपम दुबे और विवेक की पत्नी विनीता घायल हो गईं। बच्चों के बंधक बनाने से परिजन का बुरा हाल था। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। सभी अपने-अपने बच्चों की सलामती की दुआ मांग रहे थे। इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस के आला अफसर व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।

ये थे घर के अंदर बंधक बच्चे

आरती पुत्री आनंद, सोनी, रोशनी पुत्री सत्यभान, अरुण, अंजली, लवी पुत्र नरेंद्र, भानु पुत्र मदनपाल, खुशी, मुस्कान, आदित्य पुत्र पंछी, विनीत पुत्र रामकिशोर, पायल, प्रिंटर पुत्र नीरज, प्रशांत, नैनसी पुत्री मुकेश, आकाश, लक्ष्मी पुत्री ब्रजकिशोर , अक्षय पुत्र अरुण, गौरी पुत्री लालजीत, सोनम, लवकुमार, शबनम पुत्री आदेश, गंगा, जुमना पुत्री आशाराम के अलावा मुकेश का भांजा कृष्णा शामिल है।

लखनऊ से पहुंच गई थी कमांडो

फर्रुखाबाद में हालात बिगड़ते देख एटीएस कमांडो को रवाना किया गया। यह प्रयास था कि जल्द से जल्द बच्चों को बचाया जा सके। इस घटना पर लखनऊ के आला अफसरान की भी निगाह बनी रही।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख