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बेंगलुरु: अब दोपहिया वाहनों पर दूसरी सवारी बैठाने पर वैन लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत दक्षिण के राज्य कर्नाटक ने की है। कर्नाटक सरकार ने दोपहिया वाहनो पर दूसरी सवारी के बैठने पर रोक लगाने का मन बनाया है। ये नियम 100 सीसी से कम पावर वाले दोपहिया वाहनों के लिए लागू किया जा सकता है।

राज्य सरकार का यह फैसला पहले से इस्तेमाल में आ रहे दोपहिया वाहनों पर लागू नहीं होगा, लेकिन जो भी नया वाहन बेचा जाएगा, उस पर नये नियम लागू होंगे। साथ ही वाहन निर्माता कंपनियों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी बाइकों या स्कूटर पर केवल एक ही व्यक्ति के बैठने की व्यवस्था हो।

राज्य के परिवहन विभाग ने यह फैसला पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए लिया है, जो अक्सर एक्सिडेंट के शिकार हो जाते हैं। राज्य सरकार ने ऐसे हादसे रोकने के लिए हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है और जल्द ही आधिकारिक सर्कुलर जारी किया जा सकता है।

नई दिल्ली: कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर विवाद बढ़ गया है, राज्य की सिद्धारमैया सरकार 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के लिए कार्यक्रम करना चाहती है जिसका भाजपा और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। भाजपा टीपू को 'अत्याचारी' बताते हुए कह रही है कि कांग्रेस यह काम अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए कर रही है।

ऐसे में भाजपा नेता और केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का एक खत भी सामने आया है। यह खत उन्होंने सिद्धारमैया के सचिव को लिखा है जिसमें कहा गया है कि टीपू सुल्तान से संबंधित किसी कार्यक्रम में उनको ना बुलाया जाए।

हेगड़े इससे पहले 2016 में भी मैसूर के राजा रहे टीपू सुल्तान का जन्मदिवस मनाने का विरोध कर चुके हैं। पत्र में लिखा गया है कि टीपू सुल्तान अत्याचारी था और उसने हजारों हिंदुओं का कत्ल और काडागू के लोगों पर अत्याचार किया था। इसके उलट, कांग्रेस दावा करती रही है कि टीपू सुल्तान स्वतंत्रता सैनानी थे और यह काम अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए नहीं किया जा रहा।

बेंगलुरु: अवैध बूचड़खाने का निरीक्षण करना न्यायालय कमिशनर और एनजीओ सदस्य से युक्त दल को भारी पड़ गया। जब दल डोड्डा बेट्टाहली क्षेत्र में मौजूद बूचड़खाने का निरीक्षण करने पहुंचा तो अधिकारियों पर हमला कर दिया गया।

इन लोगों के साथ अभद्र भाषा का उपयोग भी किया गया। दल में पुलिसकर्मचारी, कोर्ट कमिशनर, अभिभाषक, एनजीओ के सदस्य आदि शामिल थे। जांच दल ने जांच के दौरान यह पाया कि एसएस गैराज में ही बूचड़खाना संचालित किया जा रहा था। बूचड़खाने में करीब 15 गायें, बैल और बछड़े आदि बांधे गए थे।

जब दल यहां कार्रवाई करने पहुंचा तो लगभग ढाई सौ लोग उन्हें कार्रवाई करने से रोकने के लिए पहुंचे। दल के सदस्यों के साथ इन लोगों ने अभद्र व्यवहार करना प्रारंभ कर दिया। जांच दल जिन वाहनों से आया था उन पर पथराव किया गया और वाहनों के कांच तक फोड़ दिए गए। हालांकि इस मामले में जांच की जा रही है और फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इजीपुरा के निकट संदिग्ध एलपीजी विस्फोट की वजह से दो मंजिली इमारत के ध्वस्त हो जाने से तीन महिलाओं समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी। मलबे में कई अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह करीब सात बजे विस्फोट हुआ जिससे 20 साल पुरानी इमारत का एक विशाल हिस्सा ढह गया।

पुलिस के अनुसार, दमकल विभाग एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मचारियों ने मलबे से शव निकाले। उनमें तीन महिलाओं के भी शव हैं। मृतकों की पहचान कलावती (68), रविचंद्रन (30), प्रसाद (18), अश्विनी (28), श्रवण (18),मालाद्री (25) और सर्वकल्याण (19) के तौर पर हुई है।

सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए पांच पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। पुलिस ने बताया कि मलबे से निकाली गयी तीन साल की बच्ची संजना 60 फीसद झुलस गयी है और उसकी हालत गंभीर है।

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