नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर ज़ोरदार वार करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए चलाई जाने वाली परियोजनाओं को 'अटकाना', 'लटकाना' और 'भटकाना' ही कांग्रेस की 'कार्यसंस्कृति' है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस संस्कृति को खत्म करने के लिए कदम उठाए हैं।
वर्ष 1994 में शुरू की गई 1,542 करोड़ रुपये की लागत से बनी 107 किलोमीटर लंबी बीदर-कलबुर्गी रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कांग्रेस की कार्यसंस्कृति परियोजनाओं को रोकने के लिए अटकाना, लटकाना और भटकाना है।
आपको भारत में ऐसी हज़ारों परियोजनाएं मिल जाएंगी, जिन्हें राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए शुरू किया गया, लेकिन बाद में रोक दिया गया।" पीएम ने आरोप लगाया कि परियोजनाओं को लागू करने में देरी से इनकी लागत बढ़ गई और इस 'आपराधिक लापरवाही' के लिए पहले की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा, "हम भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। कांग्रेस असंवेदनशील हो गई है। मैं हैरान हूं कि जब गुजरात में बाढ़ आई, वहां राज्यसभा चुनाव चल रहे थे। जब लोग बाढ़ में मर रहे थे, फसलें बर्बाद हो रही थीं और किसान परेशान थे, तो उनके (कांग्रेस के) सभी विधायक बेंगलुरू में मज़े कर रहे थे। उसी समय आयकर विभाग ने एक मंत्री के घर पर छापा मारा और नोटों के बंडल बरामद किए।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "आपको हैरानी होगी कि नोटबंदी के कारण बैंकों में कितने नोट जमा कराए गए। हमें तीन लाख फर्जी कंपनियों का पता लगा, जो हवाला में शामिल थीं और हर कंपनी के 1,000 बैंक खाते थे। इन तीन लाख कंपनियों को बंद करने के बावजूद किसी ने भी मोदी का पुतला नहीं फूंका।"
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राज्य सरकारें इससे संबंधित फैसलों का हिस्सा थीं और इसे लागू करना सभी दलों का सामूहिक निर्णय था। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं उद्योग समुदाय से कहना चाहता हूं कि आप सुझाव दीजिए। मेरी सरकार खुले दिमाग से काम करती है। हम सभी सुधार करने के लिए तैयार हैं।"
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, क्योंकि बताया गया है कि वह अंतिम क्षण में आमंत्रित किए जाने को लेकर नाखुश थे। बहरहाल, उन्होंने एक वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगी को कार्यक्रम में भेजा। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसी वजह से कार्यक्रम से दूरी बना ली।