ताज़ा खबरें
केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इंकार
गौतम अडानी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के आरोप, यूएस में मामला दर्ज

बेंगलुरु: कानूनी पेशे में चुनौतियों के संबंध में कानून के छात्रों को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पहली बार सार्वजनिक तौर अपनी दिवंगत पहली पत्नी का जिक्र किया। शीर्ष न्यायाधीश के करीबी सूत्रों ने कहा कि ये उनके भाषण का हिस्सा नहीं था, लेकिन उन्होंने आखिरी समय में फैसला किया कि यह अनुभव छात्रों के लिए किताबी ज्ञान से बेहतर है।

सीजेआई ने कहा, "मेरी दिवंगत पूर्व पत्नी, जो एक वकील थीं, जब वो एक लॉ फर्म में गईं, तो उन्होंने पूछा कि वर्क ऑवर क्या हैं, और उन्हें बताया गया कि यह 24x7 और 365 दिन हैं। उसके लिए कोई फैमिली टाइम नहीं होगा।" उन्होंने कहा, "जब उन्होंने पूछा कि फैमिली का क्या, तो उनसे कहा गया कि ऐसा पति ढूंढो जो घर का काम कर सके क्योंकि परिवार के लिए समय नहीं मिलने वाला है।"

हालांकि, उन्होंने कहा कि वो आशावादी हैं कि चीजें अब बदल रही हैं। सीजेआई बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के 31वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लॉ फर्म और वकीलों के चैंबरों में बेहतर वर्क ऑवर और वर्क-लाइफ बैलेंस की आवश्यकता के बारे में बात की।

नई दिल्ली: कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार जीत मिली थी। पार्टी की तरफ बुधवार को राज्य के हालत को लेकर एक बैठक की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने राज्य सरकार के मंत्रियों से कहा कि वो भ्रष्टाचार के आरोप से बचें क्योंकि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ ही जीत कर आए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जनता से किए गए वादों को हर हाल में पूरा करना है।

2024 की जीत के लिए सबकी ज़िम्मेदारी तय होगी जिसे जिस क्षेत्र की ज़िम्मेदारी दी गई है उस क्षेत्र में पार्टी की परफ़ॉर्मेंस के लिए वे ज़िम्मेदार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कर्नाटक की कामयाबी 2024 में भी दोहरानी है। खड़गे ने ट्वीट किया कि हमलोग साथ मिलकर 6.5 करोड़ कन्नड़वासियों के लिए प्रगति और कल्याण का एक नया अध्याय लिख रहे हैं। हम अपनी 5 गंभीर गारंटियों को पूरा करने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं, जिनमें से सभी कार्यान्वयन के उन्नत चरण में हैं।

नई दिल्‍ली: कर्नाटक के उपमुख्‍यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में जांच पर अंतरिम रोक लगाने का हाईकोर्ट का फैसला जारी रहेगा। डीके शिवकुमार के खिलाफ मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है। सीबीआई की जांच पर रोक हटाने की याचिका खारिज कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मेरिट पर सुनवाई कर मामले में फैसला दे।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले में उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील खारिज कर दी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई के पक्ष में आदेश होने के बावजूद जांच पर अंतरिम रोक लगाने की मंजूरी दे दी थी। शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की है, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ के बाद में दिए अंतरिम आदेशों को चुनौती देने से इंकार कर दिया है।

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रेस सूचना अधिकारी द्वारा खुद के अलावा कई न्यायाधीशों को भी जान का खतरा होने संबंधी शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद यहां केंद्रीय ‘सीईएन' अपराध पुलिस थाने में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। के. मुरलीधर ने 14 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें 12 जुलाई को शाम करीब 7 बजे एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्‍हाट्सएप मैसेंजर पर संदेश मिला था। उनका मोबाइल नंबर उन्हें आधिकारिक तौर पर उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया है।

पुलिस ने कहा कि हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में आए संदेश में मुरलीधर और उच्च न्यायालय के छह न्यायाधीशों को 'दुबई गिरोह' के माध्यम से कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दी गई है। इन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज, न्यायमूर्ति एच टी नरेंद्र प्रसाद, न्यायमूर्ति अशोक जी निजगन्नावर (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति एच पी संदेश, न्यायमूर्ति के नटराजन और न्यायमूर्ति बी वीरप्पा (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। संदेश में पांच संदिग्ध मोबाइल फोन नंबर और धमकी भी थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख