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नई दिल्‍ली: कर्नाटक के उपमुख्‍यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में जांच पर अंतरिम रोक लगाने का हाईकोर्ट का फैसला जारी रहेगा। डीके शिवकुमार के खिलाफ मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है। सीबीआई की जांच पर रोक हटाने की याचिका खारिज कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मेरिट पर सुनवाई कर मामले में फैसला दे।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले में उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील खारिज कर दी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई के पक्ष में आदेश होने के बावजूद जांच पर अंतरिम रोक लगाने की मंजूरी दे दी थी। शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की है, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ के बाद में दिए अंतरिम आदेशों को चुनौती देने से इंकार कर दिया है।

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रेस सूचना अधिकारी द्वारा खुद के अलावा कई न्यायाधीशों को भी जान का खतरा होने संबंधी शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद यहां केंद्रीय ‘सीईएन' अपराध पुलिस थाने में अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। के. मुरलीधर ने 14 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें 12 जुलाई को शाम करीब 7 बजे एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्‍हाट्सएप मैसेंजर पर संदेश मिला था। उनका मोबाइल नंबर उन्हें आधिकारिक तौर पर उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किया गया है।

पुलिस ने कहा कि हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में आए संदेश में मुरलीधर और उच्च न्यायालय के छह न्यायाधीशों को 'दुबई गिरोह' के माध्यम से कथित तौर पर जान से मारने की धमकी दी गई है। इन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज, न्यायमूर्ति एच टी नरेंद्र प्रसाद, न्यायमूर्ति अशोक जी निजगन्नावर (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति एच पी संदेश, न्यायमूर्ति के नटराजन और न्यायमूर्ति बी वीरप्पा (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। संदेश में पांच संदिग्ध मोबाइल फोन नंबर और धमकी भी थी।

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी सदस्य लंच के लिए रुके बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के स्पीकर यूटी खादर के फैसले से नाराज हो गए। उन्होंने स्पीकर के आसन की ओर कागज फेंके और हंगामा किया। इसके बाद स्पीकर ने बीजेपी के 10 विधायकों को बाकी विधानसभा सत्र से निलंबित कर दिया। अब कर्नाटक विधानसभा सत्र से बीजेपी के विधायकों को सत्र के लिए निलंबित किए जाने के बाद बीजेपी और जेडीएस ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है।

कर्नाटक में विधानसभा सत्र 3 जुलाई से शुरू हुआ, जो 21 जुलाई तक चलेगा। बुधवार को हंगामे करने पर स्पीकर ने बीजेपी विधायक डॉ. सीएन अश्वथ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र (सभी पूर्व मंत्री), डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्ण, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी को निलंबित कर दिया है।

विधानसभा में बुधवार बीजेपी के कुछ विधायकों ने राज्य सरकार द्वारा आईएएस अधिकारियों के कथित 'दुरुपयोग' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

बेंगलुरु: देश के 26 विपक्षी दलों ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने नए गठबंधन का नाम तय करने के साथ यह भी कहा कि वे देश के समक्ष एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे तथा शासन के सार एवं शैली में इस तरह से बदलाव करेंगे कि वो अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी हों। इन दलों ने सरकार पर भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को कमजोर करने और देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

विपक्षी दलों ने बैठक में पारित ‘सामूहिक संकल्प’ में कहा, ‘‘हम संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है।

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