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चेन्नई/तिरूवनंतपुरम: तमिलनाडु और केरल में सोमवार को विधानसभा चुनाव होंगे जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों जयललिता और ओमन चांडी एवं उनके चिर प्रतिद्वंद्वियों क्रमश: एम करूणानिधि और वी एस अच्युतानंदन के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। इन दोनों ही राज्यों में बहुकोणीय मुकाबला होगा। पुडुचेरी में भी आज ही विधानसभा चुनाव होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतगणना 19 मई को होगी। पश्चिम बंगाल और असम समेत इन राज्यों में पिछले दो महीने से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार गर्मी में चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। इन विधानसभा चुनावों को मिनी आम चुनाव माना जा रहा है। भाजपा तमिलनाडु और केरल में पदार्पण करने में जुटी है जबकि तमिलनाडु में अब तक सत्ता क्रमश: अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच तथा केरल में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही आती जाती रही है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और करूणानिधि के अलावा चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री पद के दो अन्य उम्मीदवार- अभिनेता से नेता बने डीएमडीके-पीडब्ल्यूएफ-टीएमसी गठजोड़ के विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास भी हैं।

चेन्नई: चुनावी घोषणापत्र के संबंध में आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर चुनाव आयोग द्वारा अन्नाद्रमुक और द्रमुक के प्रमुखों क्रमश: जे जयललिता और एम करूणानिधि को नोटिस जारी करने के एक दिन बाद, अन्नाद्रमुक ने जवाब दिया जबकि द्रमुक ने जवाब के लिए और समय मांगा। एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी ने कहा, 'अन्नाद्रमुक का जवाब आया है और द्रमुक ने जवाब के लिए और समय मांगा है। मामला आयोग के सामने विचाराधीन है।' शनिवार को आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर जयललिता और करूणानिधि को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उनकी पार्टियों के चुनावी घोषणापत्रों ने वास्तविक रूप से दिशानिर्देशों को पूरा नहीं किया। नोटिसों में कहा गया था कि पहली नजर में दोनों दलों के घोषणापत्रों ने वास्तविक रूप से आयोग के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। आयोग ने अपना रुख साफ करने के लिए उन्हें रविवार शाम पांच बजे तक का वक्त दिया था।

नई दिल्ली: तमिलनाडु में अरवकुरिची विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की गैर-कानूनी गतिविधियों और राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को ‘रिश्वत’ दिए जाने का उल्लेख करते हुए चुनाव आयोग ने वहां की चुनाव की तारीख बदलने का निर्णय लिया। संविधान की अनुच्छेद 324 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए चुनाव आयोग ने एक आदेश में कहा कि इस विधानसभा सीट पर 16 मई के बजाय अब 23 मई को चुनाव होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक साथ 16 मई को चुनाव होना है। चुनाव आयोग ने कहा कि अरवकुरिची विधानसभा सीट पर 25 मई को मतों की गिनती होगी।

नई दिल्ली: तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार आज (शनिवार) समाप्त हो गया और इसके साथ ही चिलचिलाती गर्मी में चुनाव प्रचार के दो महीने के लंबे दौर के बाद तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का शोर आज थम गया। केरल में जहां कांग्रेस नीत यूडीएफ और माकपा नीत एलडीएफ आमने-सामने हैं। भाजपा इस चुनाव में अपना जोर लगा रही है, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार किया है और केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के साथ वाकयुद्ध की स्थिति देखने को मिली। केरल में 2.61 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं और वे 140 विधायकों का 16 मई को चुनाव करेंगे, जिसके लिए 1,203 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिसमें से 109 महिला उम्मीदवार हैं। राज्य में चुनाव प्रचार में कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने हिस्सा लिया। चुनाव प्रचार के दौरान सौर घोटाला और बार घोटाला चर्चा में रहा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमालिया से जुड़े बयान से विवाद भी उत्पन्न हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों का अपमान किया है। लीबिया से केरल के लोगों के लाने के खर्च से जुड़े मुद्दे पर भी भाजपा और चांडी में आरोपों के तीर चले। केरल में भाजपा इस बार श्री नारायण धर्म परीपालन योगम द्वारा बनाई गई नई पार्टी भारत धर्म जन सेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

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