वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध लगातार गहराता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को बढ़ाकर अब 145% कर दिया है। दरअसल, चीन द्वारा अमेरिकी उत्पाद पर 84 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी उत्पाद पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच चीन ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए नए शुल्कों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वह अमेरिका द्वारा टैरिफ की लगातार धमकियों से नहीं डरेगा।
बीबीसी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के हवाले से बताया कि यह नया टैरिफ फेंटेनाइल दवा का उत्पादन करने के आरोप में इस साल की शुरुआत में लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त है। इस तरह चीन पर कुल टैरिफ 145 प्रतिशत हो जाता है। दूसरी तरफ, चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि न तो हम झुकते हैं और न ही उकसावे से डरते हैं। अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर नया टैरिफ लगाने और भारत सहित 75 से अधिक देशों पर 90 दिनों तक टैरिफ के अमल को स्थगित करने की घोषणा के एक दिन बाद चीन ने यह टिप्पणी की है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 1953 में अमेरिका के साथ युद्ध के दौरान तत्कालीन चीनी नेता माओ त्सेतुंग का एक वीडियो साझा किया।
इसके साथ उन्होंने लिखा-हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यूरोपीय संघ ने अमेरिकी शुल्क के खिलाफ अपने जवाबी उपायों को 90 दिनों के लिए रोक दिया है। इसके माध्यम से ईयू बातचीत के जरिये समाधान की संभावना को बनाए रखना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ के अमल पर रोक लगाने के फैसले से गुरुवार को वैश्विक बाजार में उछाल देखा गया।
उधर, ट्रंप ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया है। ट्रंप ने कहा, "उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके पास दिन में पर्याप्त समय नहीं है। हर कोई आकर समझौता करना चाहता है, और हम कई अलग-अलग देशों के साथ काम कर रहे हैं और यह सब बहुत अच्छी तरह से काम करेगा। मुझे लगता है कि यह वास्तव में बहुत अच्छी तरह से काम करेगा, लेकिन हम अच्छी स्थिति में हैं। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, “अमेरिका का उद्देश्य लोगों का समर्थन नहीं जीत पाया और विफल हो जाएगा। चीन चुपचाप नहीं बैठेगा और अपने लोगों के वैध अधिकारों और हितों को वंचित नहीं होने देगा।
इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगाने के भारत का नाम लेते हुए 'ट्रेड टॉक' को लेकर बड़ा दावा किया है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार व्हाइट हाउस में प्रेस से बात करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो हमारे साथ टैरिफ पर बात करने लिए सबसे आगे है।
चीन पर लगाए गए 125 प्रतिशत टैरिफ पर अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट कहा था कि यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि चीन वैश्विक बाजार में गलत तरीके से व्यापार कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था असंतुलन पैदा कर रही है। स्टॉक ने यह भी कहा कि यह टैरिफ सिर्फ चीन के लिए नहीं है, बल्कि उन देशों के लिए भी है जो व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं।
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि टैरिफ घोषणाओं के बीच व्यापार मुद्दे को लेकर हमारी मुख्य बातचीत भारत, जापान और साउथ कोरिया के साथ हो रही है, यह सभी देश चीन के पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा कि हम उन सभी देशों से टैरिफ के मुद्दे पर बात करना चाहते हैं, जो आगे आकर अपना प्रस्ताव रखेंगे, उन्हें हम ईनाम भी देंगे। हम उनके लिए पहले से लागू किए गए टैरिफ को घटाकर 10 फीसदी करने पर विचार कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि दुनिया चीन की ओर नहीं, बल्कि अमेरिका की ओर देख रही है, क्योंकि उन्हें हमारे बाजार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मीडिया ने सौदे की कला को नजरअंदाज किया, लेकिन असल में बाकी दुनिया अब अमेरिका के करीब और चीन से दूर जा रही है।