कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बात की जानकारी पुलिस ने शनिवार (12 अप्रैल, 2025) को दी। वही, बीजेपी ने मांग की है कि राज्य में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की जाए।
नए वक्फ कानून को लेकर शुक्रवार को मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में हिंसा भड़क गई थी और पुलिस वैन सहित कई वाहनों में आग लगा दी गई, सुरक्षा बलों पर पथराव किया गया और सड़कें अवरूद्ध कर दी गईं। पुलिस ने बताया कि इन सभी जिलों में छापेमारी की जा रही है और मुर्शिदाबाद में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में झड़प के दौरान अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। दो लोगों की मौत शमशेरगंज में और एक की मौत मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में हुई। शमशेरगंज में पिता-पुत्र की मौत हेड इंजरी से हुई तो एक शख्स को घायल होने के बाद मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इन स्थानों पर शनिवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और उन स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं जहां हिंसा हुई थी। एक अधिकारी ने कहा, 'सुती और शमशेरगंज इलाकों में गश्त जारी है। किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे।'
इस बीच, पुलिस ने बताया कि सुती में झड़प के दौरान कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक नाबालिग लड़के को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन जिलों में हिंसा हुई, उनमें मुस्लिम आबादी काफी है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर वह स्थिति को संभालने में 'असक्षम' है, तो उसे केंद्र से मदद मांगनी चाहिए। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगों के मद्देनजर, मैंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता के लिए राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। कोई अन्य विकल्प न होने पर, मैंने तत्काल सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मेरी प्रार्थना स्वीकार कर ली गई है और जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की खंडपीठ मेरी ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी।"
इसके अलावा विपक्ष के नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'यह ज्ञात हो कि यह महज विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि हिंसा का एक पूर्व नियोजित कृत्य था, जिहादी ताकतों द्वारा लोकतंत्र और शासन पर हमला था, जो अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के अन्य समुदायों में भय पैदा करने के लिए अराजकता फैलाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया गया, सरकारी अधिकारियों को धमकाया गया और भय का माहौल बनाया गया, यह सब असहमति की झूठी आड़ में किया गया। ममता बनर्जी सरकार की चुप्पी बहुत हैरान करने वाली है।' अधिकारी ने कहा कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनकी पहचान की जानी चाहिए, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कानून की सख्त धाराओं के तहत उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध प्रदर्शनों के नाम पर हिंदू विरोधी हिंसा भड़का रही हैं।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने संवाददाताओं से कहा कि इस अधिनियम का पूरे देश में स्वागत किया गया और कुछ स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन पश्चिम बंगाल में आंदोलन के दौरान अनियंत्रित हिंसा हो रही है। उन्होंने हिंसा की कुछ तस्वीरें दिखाते हुए कहा, “यह लक्षित हिंदू विरोधी हिंसा ममता बनर्जी द्वारा भड़काई जा रही है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।”
भंडारी ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने अपना समर्थन खो दिया है और वह एसएससी भर्ती परीक्षा में घोटाले के कारण नौकरी गंवाने वाले शैक्षणिक व गैर-शिक्षण कर्मचारियों के विरोध से ध्यान हटाने के लिए संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक विरोध को बढ़ावा दे रही हैं।
10. उन्होंने आरोप लगाया कि एसएससी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल प्रयोग किया गया लेकिन पुलिस वक्फ प्रदर्शनकारियों की हिंसा पर मूकदर्शक बनी हुई है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कट्टरपंथी भीड़ के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।