ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया

नई दिल्ली: तेल विपणन कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है, लेकिन पीएनजी और सीएनजी की कीमतों ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों की जिंदगी को दुश्वार करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पीएनजी की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी का असर दिल्ली-एनसीआर के करीब 17 लाख परिवारों पर पड़ेगा, वहीं सीएनजी की कीमतों में वृद्धि के बाद लोगों का सफर और महंगा होगा।

बता दें कि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को महंगाई को एक और झटका देते हुए सीएनजी की कीमतों में प्रति किलोग्राम 2.50 रुपये का इजाफा किया है, जिसके बाद एनसीआर के सभी शहरों के साथ राजधानी दिल्ली में भी सीएनजी की कीमत 70 रुपये के पार चली गई है।

बृहस्पतिवार से दिल्ली में सीएनजी 71.61 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रही है। वहीं, दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ गाजियाबाद में सीएनजी की कीमत 74.17 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई है, जबकि गुरुग्राम में प्रति किलोग्राम सीएनजी की कीमत 79.94 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

नई दिल्ली: खाद्य पदार्थों और तेल की महंगाई का असर अब महंगाई के आंकड़ों पर दिखने लगा है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई है, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी से कहीं आगे निकल गई है। फरवरी में यह 6.07 फीसदी पर थी। खाद्य पदार्थों और पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ये खुदरा महंगाई बढ़ी है। ट्रांसपोर्टरों का पहले ही कहना है कि पेट्रोल औऱ डीजल की कीमतों में करीब 10-10 रुपये की वृद्धि के बाद माल भाड़ा 15-20 फीसदी महंगा हो गया है। ऐसे में थोक बाजारों में भी सब्जियों औऱ फलों की कीमतो में भी तेज बढ़ोतरी हुई है।

मार्च माह में खाद्य मुद्रास्‍फीति तेजी से बढ़ते हुए 7.68 फीसदी पर पहुंच गई जबकि फरवरी माह में यह 5.85 फीसदी थी। जनवरी 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.01% पर थी, इसके साथ ही कज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (सीपीआई) के आधार पर गणना की जाने वाली मुद्रास्‍फीति ने रिजर्व बैंक की ओर से तय लक्ष्‍य 6 प्रतिशत को पीछे छोड़ दिया था। फरवरी और मार्च माह की तुलना करें तो मीट व फिश, दुग्‍ध उत्‍पाद, अनाज, कपड़े और फुटवियर की कीमतों में मार्च माह में इजाफा हुआ है।

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज शनिवार यानी 9 अप्रैल, 2022 को लगातार तीसरे दिन भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकारी तेल कंपनियां गुरुवार से ईंधन तेल के दाम स्थिर रख रही हैं। हालांकि, बीते कारोबारी सत्र में तेल की कीमतों अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार दोनों में ही कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी देखी है। शुक्रवार की शाम को वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.99 प्रतिशत बढ़कर 101.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों के मुकाबले ये कीमत सस्ती ही है। मार्च में क्रूड 114 डॉलर तक पहुंच गया था। ऐसे में ब्रेंट क्रूड लगभग 10 फीसदी तक सस्ता हुआ है।

घरेलू बाजार में मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 122 रुपये की तेजी के साथ 7,400 रुपये प्रति बैरल हो गई थी। बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते 137 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव न करने के बाद 22 मार्च से अब तक तेल कंपनियां दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ा चुकी हैं।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा करने के बाद नई ब्याज दरों के बारे में घोषणा कर दी है। रिजर्व बैंक ने 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद नई रेपो रेट व रिजर्व रेपो रेट के बारे में ऐलान किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीते दो साल के संकट के बाद जब हम महामारी की स्थिति से बाहर निकल रहे थे, लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था 24 फरवरी से यूरोप में युद्ध की शुरुआत के साथ विवर्तनिक बदलाव देख रही है। युद्ध के चलते प्रतिबंधों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम नई लेकिन भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रमुख वस्तुओं की कमी, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना में बाधा और डी-वैश्वीकरण का डर बना हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर कमोडिटी और वित्तीय बाजारों में देखा जा रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख