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नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में शुक्रवार को 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी गई। इससे देश में बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहन चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया गया है। इसी दर पर देश में उत्पादित गैस के लगभग दो तिहाई हिस्से की बिक्री होगी।

इस आदेश के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके भागीदार बीपी पीएलसी द्वारा केजी बेसिन में संचालित डी-6 ब्लॉक जैसे मुश्किल एवं नए क्षेत्रों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 9.92 डॉलर से बढ़ाकर 12.6 डॉलर प्रति इकाई कर दी गई है। अप्रैल 2019 के बाद से गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण इनमें तेजी आई है।

मुंबई: त्योहारी सीजन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। इससे ईएमआई महंगी हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने अपनी प्रमुख उधार दर (रेपो रेट) को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक खत्म होने के बाद बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट बढ़ाने का फैसला किया गया है। महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। पिछले महीने 5 अगस्त को भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था।

आरबीआई गवर्नर दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, "मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया है।" उन्होंने कहा, "हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नये ‘तूफान' का सामना कर रहे हैं।"

नई दिल्ली: रुपये का लगातार लुढ़कना जारी, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.54 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला है। बता दें कि रुपया का लगातार गिरना चिंता का विषय बना हुआ है। इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं।

सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति को काफी हद तक बनाए रखा है तो यह भारतीय रुपया ही है। हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81 रुपये के करीब पहुंच गया।

नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले टूटते खबरों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान इन दिनों सूर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, उन्होंने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति को काफी हद तक बनाए रखा है, तो यह भारतीय रुपया ही है। हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है। रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है। बता दें कि शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 81.09 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था।

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