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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों और रेलवे कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस एलपीजी की लागत से कम मूल्य पर बिक्री करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है।

ठाकुर ने कहा कि दुनियाभर में एलपीजी के दाम 300% से ज्यादा बढ़े हैं, लेकिन भारत में आम लोगों पर बोझ न पड़े, इसके लिए कैबिनेट में तेल कंपनियों को 22000 करोड़ की वन टाइम ग्रांट देने का फैसला किया है। उन्‍होंने बताया कि कैबिनेट ने बहु-राज्य सहकारी समिति कानून में संशोधन को मंजूरी दी, इससे यह कानून अधिक पारदर्शी बनेगा। केबिनेट की बैठक में 3 पेट्रोलियम कंपनियों-इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी गई है।

ये अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा। तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं।

बता दें कि जून 2020 से जून 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेलवे के 11.27 लाख कर्मचारियों को 1832 करोड़ रुपये का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस दिया जाएगा। यह 78 दिनों का बोनस होगा और इसकी अधिकतम सीमा 17951 रुपये होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने 2022-23 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) नई योजना को मंजूरी दे दी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुराग ठाकुर ने बताया कि गुजरात के कांडला में दीन दयाल पोर्ट अथॉरिटी के तहत एक कंटेनर टर्मिनल और एक मल्टी पर्प कार्गो बर्थ बनाने का फैसला लिया गया है। इसमें करीब 6 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तर पूर्वी राज्यों में ढांचागत और अन्य सामाजिक संरचना के विकास के लिए पीएम-डिवाइन योजना को मंजूरी दी गई है। यह स्कीम चार सालों (2025-26 तक) के लिए होगी। वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है, जो बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 में संशोधन करना चाहता है। इसमें 97वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधान शामिल होंगे।

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