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नई दिल्लीः रुपये में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया शुक्रवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 81.20 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया है। यूएस ट्रेजरी यील्ड्स के कई साल के हाई पर पहुंचने और इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की ऊंची डिमांड के कारण रुपये में यह गिरावट आई है। रुपये में गुरुवार को फरवरी के बाद से सबसे बड़ी सिंगल सेशन पर्सेंटेज गिरावट आई थी। डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपये में 99 पैसे की गिरावट आई थी।

यूएस डॉलर इंडेक्स 111 की रेंज के ऊपर बना हुआ है। वहीं, यूएस बॉन्ड यील्ड्स में 4.1 पर्सेंट का उछाल आया है। ट्रेडर्स का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से आक्रामक तरीके से दखल न दिए जाने और यूएस फेडरल रिजर्व के रेट आउटलुक के कारण रुपये में गिरावट देखने को मिली है। 10 साल की अवधि वाले यूएस ट्रेजरी यील्ड में 3.70 पर्सेंट और दो साल वाले ट्रेजरी यील्ड में 4.16 पर्सेंट का उछाल आया है।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। साथ ही इस बैंक को दिए निर्देश में कहा है कि वो अपने खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक वापस भी करे। हालांकि इसके लिए खाताधारकों को अपनी जमा राशि के अनुसार बैंक से पैसे वापस लेने के लिए आवेदन करना होगा। खास बात ये है कि लक्ष्मी को- ऑपरेटिव बैंक महाराष्ट्र का एकलौता ऐसा बैंक नहीं है, जिसका लाइसेंस रद्द किया गया हो। इससे पहले पिछले ही साल रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी कोऑपरेटिव बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। रिजर्व बैंक ने कहा था कि इस कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद बैंक बैंकिंग परिचालन नहीं कर पाएगा।

बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा था कि बैंक ओर से दिए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के जरिये अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी।

नई दिल्ली: भारतीय रुपये में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आज के शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 42 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.38 पर आ गया है। बुधवार यानी 21 सितंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.9750 के स्‍तर पर बंद हुआ था। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.79 के स्‍तर पर खुला था और दिन के कारोबार के दौरान इसमें लगातार गिरावट देखी गई थी।

बुधवार को डॉलर इंडेक्‍स 2 दशकों के उच्‍च स्‍तर 110.87 पर पहुंच गया था। हालांकि, इस बात की संभावना काफी कम है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्‍याज दरों में 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी करेगा।

डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने की एक बड़ी वजह यूएस फेड के द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाया जाना है। बुधवार को यूएस फेड ने मंहगाई को नियंत्रित करने के 0.75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर बढ़ाया था। इससे पहले जुलाई में भी यूएस फेड के द्वारा ब्याज दरों में इजाफा किया गया था।

नई दिल्ली: अडाणी समूह की कंपनियों का बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर कुल बाजार पूंजीकरण अब 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जो गौतम अडाणी के नेतृत्व वाली कंपनी समूह को पूंजीकरण के लिहाज से देश में नंबर वन बनाता है, अडाणी समूह ने इस उपलब्धि के साथ ही टाटा के नेतृत्व वाले समूह को पीछे छोड़ दिया है।

शुक्रवार को बाजार बंद होने के आधार पर अडाणी समूह के सभी (हाल ही में अधिग्रहित अंबुजा सीमेंट और एसीसी लिमिटेड सहित कुल नौ फर्म) कंपनियों के बीएसई सूचीबद्ध शेयरों का बाजार मूल्यांकन 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस तरह अडाणी समूह ने 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के साथ सूचीबद्ध टाटा समूह (जिसमें 27 फर्में शामिल हैं) को पीछे छोड़ दिया।

मुकेश अंबानी की नौ कंपनियों का समूह 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है।

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