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आतिशी ने ली दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पांच विधायक बने मंत्री

नई दिल्ली: भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिये दायर सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर, जस्टिस एआर दवे और जस्टिस जेएस खैहर की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि चूंकि इस मामले में संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं, इसलिए बेहतर होगा कि इसे पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दिया जाए। पीठ ने कहा कि पांच न्यायाधीशों की पीठ भविष्य में गठित की जाएगी। पीठ को बताया गया कि शीर्ष अदालत के 11 दिसंबर 2013 के फैसले और पुनर्विचार याचिका पर फिर से गौर करने के लिये आठ सुधारात्मक याचिकायें दायर की गई हैं।

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से पिछली यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मनरेगा’ की तारीफ करने पर कांग्रेस ने कहा कि ‘देर आए दुरुस्त आए।' गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार ‘मनरेगा’ का मखौल उड़ाते हुए कहा था कि यह पिछले 60 सालों में गरीबी नहीं मिटा पाई कांग्रेस की ‘नाकामी का जीता-जागता स्मारक है।’ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कहा कि ‘देर आए दुरुस्त आए। यदि कोई कुछ अच्छी बात कहता है तो इसकी तारीफ करने की जरूरत है। यह दिखाता है कि इस अहम कानून से कैसे ग्रामीण गरीबों की जिंदगी में बदालव लाने का काम किया।’बता दें कि मंगलवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के 10 साल पूरे हो रहे हैं।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत में दावा किया कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने गैरकानूनी तरीके से 742.58 करोड़ रुपये की राशि बनाई। उनके तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में प्रथमदृष्टया पर्याप्त प्रमाण हैं। ईडी ने सोमवार को विशेष अदालत में आरोप लगाया कि दयानिधि ने 742.58 करोड़ रुपये की गैरकानूनी राशि जुटाई। इसे अपने भाई कलानिधि मारन की कंपनियों में लगाया और इसे साफसुथरी कमाई के रूप में दिखाया। इस मामले में कलानिधि सह आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय के विशेष अधिवक्ता नवीन कुमार माट्टा ने दलील दी कि आरोपी सक्रिय रूप से अपराध की कमाई प्राप्त करने में शामिल रहा। उसने यह राशि मारीशस की विभिन्न इकाइयों के जरिए हासिल की।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्ति के ब्योरे से लगता है कि वह अपने पास ज्यादा नकदी नहीं रखते और उनकी कुल परिसंपत्ति बढ़कर 1.41 करोड़ रुपए हो गई है। परिसंपत्ति में वृद्धि में मुख्य योगदान एक रिहायशी परिसम्पत्ति का है जो 13 साल पहले उन्होंने खरीदी थी और उसका मूल्य तब से 25 गुना से अधिक बढ़ चुका है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मोदी की परिसंपत्तियों के बारे में ताजा ब्यौरे के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के अंत में मोदी के ‘हाथ में कुल नकदी’ मात्र 4,700 रुपए थी। यह वित्त वर्ष के मध्य में 18 अगस्त 2014 को घोषित विवरण में दिखायी गयी 38,700 रुपए की नकदी से कम है।

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