नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत में दावा किया कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने गैरकानूनी तरीके से 742.58 करोड़ रुपये की राशि बनाई। उनके तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में प्रथमदृष्टया पर्याप्त प्रमाण हैं। ईडी ने सोमवार को विशेष अदालत में आरोप लगाया कि दयानिधि ने 742.58 करोड़ रुपये की गैरकानूनी राशि जुटाई। इसे अपने भाई कलानिधि मारन की कंपनियों में लगाया और इसे साफसुथरी कमाई के रूप में दिखाया। इस मामले में कलानिधि सह आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय के विशेष अधिवक्ता नवीन कुमार माट्टा ने दलील दी कि आरोपी सक्रिय रूप से अपराध की कमाई प्राप्त करने में शामिल रहा। उसने यह राशि मारीशस की विभिन्न इकाइयों के जरिए हासिल की।
माट्टा ने विशेष सीबीआई जज ओ.पी. सैनी से कहा कि यह मामला अपराध से कमाई के तहत आता है। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि चूंकि इस मामले में रिकार्ड काफी बड़ा है, इसलिए इस पर आगे की दलीलें 6 फरवरी को सुनी जाएंगी। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दायर मामले में दयानिधि के अलावा कलानिधि मारन, उनकी पत्नी कावेरी कलानिधि, साउथ एशिया एफ.एम. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के षणमुगम, दो कंपनियों सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड तथा साउथ एशिया एफएम लिमिटेड को आरोपी बनाया है।