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नई दिल्ली: हरियाणा में मुरथल के पास जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए कथित सामूहिक बलात्कार मामले की हाईकोर्ट की देख रेख में न्यायिक जांच कराने की मांग मंगलवार को राज्यसभा में की गई। शून्यकाल में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस कथित घटना को लेकर मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस दिया है लेकिन राज्य सरकार ने तो इस घटना से ही इंकार कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है। शैलजा ने कहा कि इस मामले में गवाह सामने नहीं आ रहे हैं और खुद राज्य सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है और जंगल राज है। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा में करोड़ों रूपए की संपत्ति का नुकसान हुआ लेकिन राज्य सरकार और पुलिस ने इसे रोकने के लिए अपेक्षित कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि मुरथल मामले में भी पुलिस अपना दायित्व निर्वाह करने में नाकाम रही है।

शैलजा ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है और सच सामने लाने के लिए इस मामले की हाईकोर्ट से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए महिला पुलिस अधिकारियों का तीन सदस्यीय एक दल गठित किया है। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। शून्यकाल में ही माकपा के टी के रंगराजन ने पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा के खिलाफ हैदराबाद में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराए जाने का मुद्दा उठाया। हैदराबाद में एक वकील की शिकायत पर येचुरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी नेताओं आनंद शर्मा और अजय माकन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाकपा के डी राजा, जदयू नेता के सी त्यागी, जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। कांग्रेस के शांताराम नायक ने दक्षिण गोवा के एक तालुक में रक्षा प्रदर्शनी आयोजित किए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि ग्रामीण इस प्रदर्शनी के आयोजन का विरोध कर रहे हैं। नाइक ने कहा कि इस रक्षा प्रदर्शनी के आयोजन के बारे में ग्रामीणों को पहले विश्वास में लेना चाहिए था। उन्होंने राज्य सरकार पर केंद्र के दबाव में झुकने का आरोप लगाया। नाइक ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने और प्रदर्शनी का आयोजन वहां न करने की मांग की। इसी पार्टी के के वी पी रामचंद्र राव ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में पाम उत्पादकों की समस्याओं से जुड़ा मुद्दा उठाया। झामुमो के संजीव कुमार ने झारखंड में मैथन बिजली संयंत्र के कारण प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि संयंत्र के लिए जिन ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उनके परिवारों के एक एक सदस्य को योग्यता के आधार पर स्थायी नौकरी दी जानी चाहिए। ग्रामीणों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जानी चाहिए।

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