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नई दिल्ली: भाजपा के हमलों से अविचलित पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में दूसरे हलफनामे का आज (सोमवार) समर्थन किया और जोर देकर कहा कि वह ‘बिल्कुल सही’ था और और तत्कालीन मंत्री के तौर पर ‘मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।’ पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने हलफनामा मुद्दे से स्वयं को अलग कर लिया है जबकि वह ‘समान रूप से जिम्मेदार’ हैं। पिल्लई ने कहा है कि हलफनामा बदलने का निर्णय ‘राजनीतिक स्तर’ पर लिया गया। चिदंबरम ने साथ ही अफजल गुरू को फांसी के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों को उचित ठहराया। ‘मैं उस समय सरकार का हिस्सा था। मैं स्वयं को सरकार से अलग कैसे कर सकता हूं।’ उन्होंने हलफनामा मुद्दे पर विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मामले में दूसरा हलफनामा इसलिए दायर किया गया क्योंकि पहला ‘अस्पष्ट’ था।

उन्होंने कहा कि उस हलफनामे को सही करना उनका ‘कर्तव्य’ था जिसे उनकी मंजूरी के बिना तैयार किया गया था और जिसकी गलत व्याख्या की जा रही थी। चिदंबरम ने कहा कि गृह सचिव, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक और अन्य अधिकारियों से मशविरा करने के बाद दूसरे हलफनामे से यह स्पष्ट हुआ कि केंद्र सरकर का वास्तविक इरादा क्या था। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार की मुख्य चिंता केंद्रीय एजेंसियों की ओर से एकत्रित सूचना थी। ऐसी सूचनाएं निर्णायक सबूत नहीं बनाती। ये राज्य सरकार के लिए कार्य करने के लिए होती हैं। केंद्र सरकार किसी भी अनुचित कार्रवाई को माफ नहीं करेगी या पुष्टि नहीं करेगी।’ चिदंबरम ने इसको लेकर आश्चर्य जताया कि ‘दूसरे हलफनामे का कौन सा हिस्सा गलत है? यह बिल्कुल सही हलफनामा है। तत्कालीन मंत्री के तौर पर मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।’

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