नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की मांग करते हुए अन्नाद्रमुक सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही।लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगन के बाद कल (बुधवार) तक के लिए स्थगित कर दी गई। अन्नाद्रमुक सदस्यों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की। मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए। अन्नाद्रमुक सदस्य अपने हाथों में एक समाचार पत्र लिये हुए थे जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों का उल्लेख था। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और प्रश्न लिये। संबंधित मंत्री ने जवाब भी दिया। लेकिन व्यवस्था बनते नहीं देख अध्यक्ष ने कुछ ही देर बाद करीब 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दिया। सवा ग्यारह बजे कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। अन्नाद्रमुक सदस्य एक बार फिर अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे।
अन्नाद्रमुक सदस्य ‘कार्रवाई करो, कार्रवाई करो, राजग सरकार कार्रवाई करो, प्रधानमंत्री कार्रवाई करें’, इंडिया वांट्स जस्टिस' के नारे लगा रहे थे। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह किसी विषय को उठाने का उपयुक्त तरीका नहीं है। सदस्य नोटिस दें और फिर विषय को उठायें। सरकार को किसी भी विषय पर चर्चा कराने में कोई ऐतराज नहीं है। अगर आसन से निर्देश मिलेगा तब हम चर्चा करने को तैयार हैं। अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और उपयुक्त तरीके से विषय उठाने को कहा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे इसका विरोध करते देखे गए। हालांकि हंगामे में उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी। अन्नाद्रमुक सदस्यों को सदन में संबंधित समाचारपत्र की प्रतियां विभिन्न दलों के सदस्यों को बांटते देखा गया। इस दौरान सदन में कुछ प्रश्नों को लिया गया और मंत्री ने उसका जवाब भी दिया। व्यवस्था बनते नहीं देख अध्यक्ष ने करीब साढे ग्यारह बजे कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।