ताज़ा खबरें
विज को बीजेपी ने भेजा कारण बताओ नोटिस: मांगा तीन दिन में जवाब

वाराणसी: छेड़छाड़ के विरोध धरना दे रही छात्राओं पर लाठीचार्ज करने के बाद निशाने पर आए बीएचयू के वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी के रवैये और कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े गए हैं। इन्हीं सवालों के बीच एक अंगुली ये उठी है कि उन्होंने दो दिन पहले एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में जिस मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर की नियुक्ति को परमानेंट कराने के लिए जी तोड़ प्रयास किया उस व्यक्ति को तो अफ्रीकी युवती के यौन शोषण मामले में फिजी की अदालत दोषी करार दे चुकी है।

 ये मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर खबर बन चुका है। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वीसी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों की इस बात को सुनने को तैयार नहीं थे कि उपाध्याय का कोई विरोध करे। उपाध्याय पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने 2013 में जज के सामने अपने बयान में कहा था, 'उसने (उपाध्याय) मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने घर चलने पर जोर दिया, जब हम उसके रूम में पहुंचे, तो उसने मुझे अपने रूम में सोने को कहा।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के रहनुमा मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद मिलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की और उन्हें आगामी पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का न्यौता दिया।

सपा प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश अपने पिता मुलायम से मुलाकात करने उनके घर गये और उन्हें पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण दिया। इसी अधिवेशन में सपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। सुनील के मुताबिक मुलायम ने राष्ट्रीय अधिवेशन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अखिलेश की मुलायम से मुलाकात कई महीनों बाद हुई है।

मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम ने गत 25 सितम्बर को लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि चूंकि अखिलेश उनके पुत्र हैं, लिहाजा उनके साथ उनका आशीर्वाद है, लेकिन उनके कुछ निर्णयों से वह सहमत नहीं हैं। माना जा रहा था कि इस संवाददाता सम्मेलन में मुलायम सपा से अलग होकर कोई नयी पार्टी बनाएंगे लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले दूसरी जमानत याचिका को बुधवार को पास्को अदालत ने खारिज कर दिया। स्पेशल पास्को अदालत के न्यायाधीश उमा शंकर शर्मा ने प्रजापति की तरफ से दायर की गयी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। उमा शंकर शर्मा ने गैंगरेप व जानमाल की धमकी के एक मामले में जेल में बंद गायत्री प्रसाद प्रजापति की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में अन्य मुल्जिमों की जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है, जबकि यह मुल्जिम इस मामले का मुख्य आरोपी है एवं राजनैतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति भी है। जमानत पर छूटने के बाद गवाहों पर अनुचित दबाव बना सकता है जिससे उनके जीवन को खतरा पैदा कर सकता है। लिहाजा उसे जमानत पर छोड़े जाने का आधार नहीं है।

विशेष अदालत में अभियोजन की ओर से गायत्री की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया गया था़ सरकारी वकील एमके सिंह का कहना था कि मुल्जिम प्रदेश सरकार में एक प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री था। यदि इसे जमानत पर छोड़ा गया, तो गवाहों को प्रभावित कर सकता है। पीड़िता एवं उसकी पुत्री की हत्या भी करा सकता है।

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देना पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के क्षेत्राधिकार में है, इसलिए कोर्ट उन्हें इस मुद्दे पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आदेश नहीं दे सकी। कोर्ट ने कहा कि आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पर अंतिम निर्णय का अधिकार डीजीपी को ही है। इसके लिए की गई संस्तुति को वही मंजूर या नामंजूर कर सकता है।

यह आदेश जस्टिस अरुण टंडन एवं जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया। खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को संशोधित भी कर दिया है। साथ ही डीजीपी से कहा कि याची के मामले में नए सिरे से विचार कर आठ सप्ताह में कारण सहित आदेश जारी करें।

मामले के तथ्यों के अनुसार, रविंद्र कुमार सैनी जब मुजफ्फरनगर में बतौर कांस्टेबल थे तो 19 फरवरी 2004 को पुलिस ने एके 47 से लैस दो आतंकवादियों को घेरकर मुठभेड़ की। मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया और दूसरा भागने में कामयाब रहा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख