ताज़ा खबरें
यूपी की 'डबल इंजन' सरकार कर रही है डबल ब्लंडर: अखिलेश यादव
राज्यपाल ने विधानसभा सत्र नहीं बुलाकर किया संविधान का उल्लंघन: कांग्रेस
पंजाब को ऐसा मॉडल बनाएंगे, जिसे देखेगा पूरा देश: सीएम भगवंत मान
विज को बीजेपी ने भेजा कारण बताओ नोटिस: मांगा तीन दिन में जवाब

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार ने आबकारी अधिनियम में को बेहद सख्त बना दिया है। अब प्रदेश में नकली शराब बनाने-बेचने के अलावा इसको पीकर होने वाली हानि पर कठोर सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इस अधिनियम में एक नयी धारा 60-क जोड़ी गयी है। गवर्नर राम नाईक ने इससे जुड़े ‘उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017’ पर मुहर लगा दी है। इसके बाद अब यह कानून प्रभाव में आ गया है।

यह अध्यादेश अवैध मदिरा के विषाक्त होने और उसके सेवन से जनहानि की घटनाओं से संबंधित है। दरअसल, राज्य विधान मंडल सत्र में न होने के कारण विषय की तात्कालिकता को देखते हुए राज्यपाल ने मंत्रि परिषद के प्रस्ताव को विधिक परीक्षण के बाद अपनी स्वीकृति दे दी है। इस अध्यादेश से संबंधित पत्रावली 26 सितम्बर को राज्यपाल के अनुमोदन के लिए राजभवन को प्राप्त हुई थी।

कुछ धाराओं को किया और सख्त

उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017 के पास होने से यूपी आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन कर कुछ धाराओं के प्रावधानों को पूर्व की अपेक्षा अधिक कठोर किया गया है।

अध्यादेश के माध्यम से उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम 1910 की धारा- 3, 28, 30, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 60, 62, 63, 64क, 65, 66, 67, 68, 69, 69क, 70, 71, 72, 73क, 74 एवं 74क में संशोधन किया गया है और एक नई धारा 60-क को जोड़ा गया है।

अधिनियम में जुड़ी नई धारा

अधिनियम में नई धारा 60- क जुड़ने से अवैध एवं मादक पदार्थ विक्रय करने अथवा उपभोग के लिए उपलब्ध करवाने से मृत्यु होने या स्थायी अपंगता होने पर आजीवन कारावास या 10 लाख रुपए का आर्थिक दंड या दोनों अथवा मृत्युदंड का प्रावधान है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख