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इलाहाबाद: कभी विवादों में रहे आध्यात्मिक गुरू निर्मल बाबा को लेकर, इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की गई थी। दरअसल बाबा और सुषमा नरूला पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। इस मामले में, हरीश सिंह ने निर्मल बाबा की शिकायत की थी। मामले को लेकर, उत्तरप्रदेश सरकार और अन्य पक्षकारों को भी न्यायालय में मौजूद रहने के लिए नोटिस दिया गया था। हालांकि मामले में बाबा को राहत मिल गई है। उन्हें और, अन्य पक्षकारों को अपना उत्तर दायर करने के लिए छः सप्ताह का समय दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई 6 फरवरी को होगी।

उल्लेखनीय है कि, निर्मल बाबा को निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से भी जाना जाता है। मामले में बाबा पर आरोप लगाए गए थे कि, आध्यात्मिक उपाय के तहत निर्मल बाबा ने एक भक्त को बताया था कि, उसे बीमारी में लाभ मिलने के लिए, खीर बनाकर उसका सेवन करना चाहिए, और अन्य लोगों के बीच उसे वितरित करना चाहिए।

मेरठ: अयोध्या में बाबरी विध्वंस की 25वीं बरसी पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, अलीगढ़, हाथरस और सहारनपुर में आपत्तिजनक पोस्टर चिपके दिखे। इन पोस्टरों पर बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने के लिए आंदोलन चलाने की अपील की गई है। ये पोस्टर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने लगाए हैं।

पीएफआई ने पोस्टर पर लिखा है कि कहीं हम भूल न जाएं, धोखे के 25 साल, बाबरी मस्जिद की दोबारा तामीर करो। पुलिस का कहना है कि पीएफआई द्वारा पश्चिमी यूपी के कुछ लोगों को जुटाकर दिल्ली में आंदोलन करने की संभावना है।

मेरठ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने बताया कि एक संगठन के नाम से यहां कुछ पोस्टर चिपकाए गए थे। इन पोस्टरों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका थी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन तलाक पर केंद्र के प्रस्तावित विधेयक के मसौदे से सहमति व्यक्त की है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल शाम हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित विधेयक के मसौदे पर रजामंदी जाहिर की गयी।

राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार को वह मसविदा भेजते हुए 10 दिसम्बर तक उस पर राय देने को कहा था। मंत्रिपरिषद की सहमति मिलने के बाद इसे वापस केंद्र के पास भेजा जाएगा।

मसौदे में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध करार देते हुए इसके दोषी को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का खर्च भी देना होगा। गत 22 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था।

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में वंदे मातरम् को लेकर नगर निगम की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। यहां भाजपा के पूर्व मेयर के आदेश को बीएसपी की नई मेयर सुनीता वर्मा ने पलटते हुए नगर निगम में वंदेमातरम् गाने पर रोक लगा दिया है। भाजपा पार्षद ने नगर निगम बोर्ड की बैठकों में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' का गाना करना अनिवार्य किया था।

दरअसल, पिछले भाजपा के मेयर के कार्यकाल में वंदे मातरम् को लेकर सदन में जबरदस्त विवाद रहा। बता दें कि प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 नगर निगम से 14 पर कब्जा कर लिया था। वहीं, बसपा के खाते में मेयर के दो पद गए थे। राज्य के दो बड़े मेरठ और अलीगढ़ नगर निगम पर बसपा ने कब्जा किया था।

मेरठ की मेयर सुनीता ने पदभार संभालते ही भाजपा के मेयर की ओर से लिए गए फैसलों को पलटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में सबसे पहले उन्होंने बोर्ड मीटिंग में ‘वंदे मारतम’ गाने के प्रावधान को खत्म किया है। विपक्षी दल के सदस्यों ने इस फैसले का विरोध किया, लेकिन सुनीता वर्मा पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वह अपने फैसले पर अड़ी रहीं।

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