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सम्भल: समाज सेवी अन्ना हजारे ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आज उसके खिलाफ आगामी 23 मार्च को दिल्ली में अनशन करने तथा जेल भरो आंदोलन चलाने का एलान किया। हजारे ने यहां नगर पालिका मैदान पर भारतीय किसान यूनियन की ‘राष्ट्रीय किसान महापंचायत’ में कहा कि आज देश का किसान बदहाल है। देश में किसानों द्वारा आत्म हत्या के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।

सरकार ने किसानों के प्रति कल्याणकारी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उन्होंने कई बार पत्र भी लिखे लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने केन्द्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार को मौका देने के लिये वह साढ़े तीन साल तक कुछ नहीं बोले, लेकिन सरकार को किसान की नहीं उद्योगपतियों की चिंता है। उसने लोकपाल को कमजोर कर दिया है। मोदी जो कदम उठा रहे हैं उससे लोकतंत्र खतरे में है और देश ‘हुकुम शाही’ की तरफ जा रहा है।

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंस्टैंट ट्रिपल तलाक को अवैध घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार इस मामले पर कानून लाने जा रही है। मोदी सरकार ट्रिपल तलाक पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में बिल पेश करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल पर चर्चा करते हुए इसे महिला विरोधी बताया है।

रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई। कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया। क्रिसमस की छुट्टी के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार संसद में तीन तलाक बिल पेश करेगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है। एआईएमपीएलबी की बैठक में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा ने समूचे विपक्ष की गैर मौजूदगी में गुरुवार को उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण (यूपीकोका) विधेयक 2017 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। विपक्ष ने इस विधेयक को 'काला कानून' बताते हुए सदन से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में विधेयक पेश किया।

विपक्ष ने आशंका जतायी कि इसका दुरुपयोग राजनीतिक बदले की भावना से हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लोगों के भी खिलाफ है। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को सदन की प्रवर समिति के विचारार्थ भेजने की मांग की।

यूपीकोका के विरोध में हैं विपक्षी नेता

विपक्षी सदस्यों का कहना था कि इस तरह का दमनकारी कानून बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारतीय दंड संहिता :आईपीसी: और अपराध प्रक्रिया संहिता :सीआरपीसी: में पर्याप्त प्रावधान हैं। बाद में विपक्षी सदस्य विधेयक के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गये।

लखनऊ: बहुजन समाजपार्टी प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बनाये गये ''यूपीकोका का इस्तेमाल सर्व समाज के गरीबों, दलितों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि इस कारण बसपा इस नए कानून का विरोध करती है तथा व्यापक जनहित में इसे वापस लेने की मांग करती है।

मायावती ने एक बयान में आरोप लगाया कि प्रदेश में वर्तमान में भाजपा सरकार की द्वेषपूर्ण और जातिवादी नीति के कारण पूरे प्रदेश में कानून का बहुत बड़े पैमाने पर ग़लत इस्तेमाल हो रहा है और खासकर निर्दोष दलितों, पिछड़ों और अन्य को झूठे मामलों में जेल भेजा जा रहा है।

बयान में कहा गया कि उर्दू में शपथ ग्रहण करने पर बसपा के अलीगढ़ के पार्षद पर साम्प्रदायिक भावना भड़काने का गलत आरोप लगाकर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जो अन्याय है।

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