लखनऊ: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू कायम है। मेयर के 16 सीटों में से अध्योध्या और आगरा की मेयर सीटों समेत 14 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया है जबकि 2 सीटें बसपा के खाते में गई हैं। मेयर चुनाव में सपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है। इसके अलावा नगर निगम पार्षदों के 1300 पदों में से अब तक घोषित 1291 परिणामों में भी भाजपा 592, सपा 200, बसपा 147 और कांग्रेस 110 सीटें जीत चुकी हैं।
राजधानी लखनऊ में भाजपा की महापौर प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की मीरा वर्धन को 1,31,356 मतों से पराजित किया।लखनऊ को पहली बार महिला महापौर मिली हैं।
योगी ने कसा तंज- गुजरात की बात करने वाले अमेठी भी हार गये
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति को देते हुए इसके लिये पार्टी के तमाम नेताओं और अपने मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों को धन्यवाद दिया।
नगर निकाय चुनाव के विभिन्न पदों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित होने से खुश योगी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक विजय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के ‘विजन’ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीतिक कुशलता का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों का परिणाम प्रधानमंत्री द्वारा भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिये उठाये गये कदमों पर जनता की मुहर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि हम उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा शत प्रतिशत परिणाम पाने के लिये अग्रसर होगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'इन चुनाव परिणामों से सरकार में जवाबदेही का बोध बढ़ेगा। ये परिणाम हम सबको अधिक जवाबदेह बनाने और नगर निकायों को सक्षम बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।' उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में जीत के लिये वह भाजपा के सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों, नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं। मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिये प्रदेश के चुनाव आयोग तथा उसके अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया।
16 नगर निगम में से 14 पर भाजपा के मेयर जीते
अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश जायसवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की गुलशन बिंदु को 3601 मतों से पराजित किया। वाराणसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मृदुला ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की शालिनी को 78843 मतों से पराजित किया।
सहारनपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी संजीव वालिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के फजल उर्रहमान को दो हजार मतों से पराजित किया। मुरादाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान कुरैशी को 21 हजार 635 मतों से पराजित किया।
अलीगढ़ नगर निगम महापौर पद पर बसपा प्रत्याशी मुहम्मद फुरकान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के राजीव कुमार को 10 हजार 11 मतों से पराजित किया। झांसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी रामतीर्थ सिंघल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के बृजेन्द्र कुमार व्यास को 16 हजार 373 मतों से पराजित किया।
फिरोजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी नूतन राठौर ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी ऑल इण्डिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन की मसरूर फातिमा को 42 हजार 396 मतों से पराजित किया। नवगठित मथुरा नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहन सिंह को 22 हजार 108 मतों से पराजित किया। गोरखपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी सीताराम जायसवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राहुल को 75 हजार 972 मतों से पराजित किया।
आगरा, इलाहाबाद, कानपुर नगर और गाजियाबाद की सीटें भी भाजपा के खाते में गयी हैं। आगरा में भाजपा के नवीन कुमार जैन ने बसपा प्रत्याशी दिगंबर सिंह को 74322 मतों से हराया। इलाहाबाद में भाजपा की अभिलाषा गुप्ता ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के विनोद चंद्र दुबे को 63384 मतों से परास्त किया। कानपुर नगर में भाजपा की प्रमिला पाण्डेय ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की वंदना मिश्रा को 1,05,134 मतों से हराया जबकि गाजियाबाद में भाजपा की आशा शर्मा ने कांग्रेस की डोली शर्मा को 1,63,675 मतों से पराजित किया।
2012 के चुनाव में भाजपा ने 12 में से 10 सीटें जीती
वर्ष 2012 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने 12 में से 10 महापौर की सीटें जीती थीं। इस बार अयोध्या, फिरोजाबाद, मथुरा तथा सहारनपुर पहली बार नगर निगम के तौर पर चुनाव प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।
प्रदेश के 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिकाओं और 438 नगर पंचायतों के लिये तीन चरणों में गत 22, 26 और 29 नवम्बर को कुल करीब 52.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। सम्पूर्ण 652 निकायों की गणना के लिए प्रदेश में 334 मतगणना स्थल स्थापित किए गए हैं जिनमें कुल 11,200 टेबल मतगणना के लिए लगायी गयी हैं। मतगणना में कुल 56,000 कार्मिक नियुक्त किए गए हैं। मतगणना की निगरानी के लिए मतगणना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे तथा वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है।
पहली बार नगर निकाय चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा है। मतगणना के दौरान शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समस्त जिलों में शुक्रवार रात 12 बजे तक पूर्ण शराबबंदी रहेगी। मतगणना के दौरान तथा निर्वाचन परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी प्रकार के विजय जुलूस पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एस. के. अग्रवाल ने अनुसार, अंतिम चरण में 26 जिलों में पांच नगर निगमों, 76 नगर पालिका परिषदों तथा 152 नगर पंचायतों के विभिन्न पदों के लिये करीब 53 प्रतिशत मत पड़े। तीनों चरणों को समग्र रूप से देखें तो औसतन लगभग 52.50 प्रतिशत हुआ। वर्ष 2012 में 46.2 फीसदी मतदान हुआ था। निकाय चुनावों में सबसे कम मत प्रतिशत नगर निगम क्षेत्रों में हुआ। नगर निगम में औसतन 41.26 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं नगर पालिकाओं में 58.15 फीसदी और नगर पंचायतों में 68.30 प्रतिशत हुआ है। सबसे कम इलाहाबाद में 30.47 प्रतिशत मत पड़े। तीसरे चरण में सहारनपुर, बागपत, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, सम्भल, बरेली, एटा, फिरोजाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, झांसी, महोबा, फतेहपुर, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, मऊ, चंदौली, जौनपुर तथा मिर्जापुर में मतदान हुआ। इस बार नगरीय निकाय चुनावों में कुल 36273 मतदान केंद्र बनाये गये और सिर्फ तीन में पुनर्मतदान की आवश्यकता पड़ी। वहीं, वर्ष 2012 में 33797 मतदान केंद्र में से 17 पर पुनर्मतदान हुआ था।
इस दफा चुनाव ड्यूटी के दौरान एक भी मतदानकर्मी की मृत्यु नहीं हुई। मतदान के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर हुई शिकायतों का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने कहा कि आयोग ने इस बार निकाय चुनाव में 32374 ईवीएम लगायी थीं। मानक के अनुसार दो प्रतिशत तक ईवीएम बदलना सामान्य बात है। इस दफा 503 ईवीएम विभिन्न कारणों से बदली गयीं। यह केवल 0.7 प्रतिशत है। इन 503 में से लखनऊ में ही 250 ईवीएम बदली गयी हैं।
बहरहाल, ईवीएम को लेकर जो माहौल बनाया गया है, वह सही नहीं है। इसे बेवजह तूल दिया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ी के सवाल पर निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग ने निर्णय लिया था कि जिन मतदाताओं ने वर्ष 2015 के पंचायत चुनावों में वोट डाला था, उनका नाम नगरीय निकायों की मतदाता सूची से काट दिया जाएगा। मगर किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से काटा जाना अपराध है।