ताज़ा खबरें
एमपी: विधायक ने आईएएस अधिकारी पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
मिल्कीपुर में हुई वोटों की डकैती, सरकारी है चुना गया विधायक: अवधेश

मुजफ्फरनगर: कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान और बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक समेत पांच लोगों के गैर जमानती वारंट जारी रखे हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान दर्ज मुकदमे में कोर्ट ने इन नेताओं के 24 नवंबर को वारंट जारी किए थे। अगली तारीख पर कोर्ट में नहीं आने के कारण इनके वारंट जारी रखे गए हैं।

एसआईटी ने धारा 153 ए में सभी के खिलाफ तीन माह पूर्व चार्जशीट दाखिल की थी। 15 शुक्रवार को सभी की कोर्ट में सभी की पेशी थी लेकिन केवल साध्वी प्राची ही कोर्ट में उपस्थित हुई थीं।

वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर के नंगला मंदौड़ में आयोजित पंचायत में भाजपा नेता शामिल हुए थे। नेताओं पर पंचायत के दौरान साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन थाना सिखेडा प्रभारी चरण सिंह यादव ने 31 अगस्त को नंगला मंदौड में सचिन और गौरव की शोकसभा में शामिल होने और भडकाऊ भाषण देने के आरोप में श्यामपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह प्रमुख, संजीव बालियान, उमेश मलिक आदि कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गयी थी। संजीव बालियान तीन साल तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में रह चुके हैं। विधायक उमेश मलिक व उस समय के विधायक और अब बिजनौर से सांसद भारतेंद्र सिंह आदि के खिलाफ अन्य मामलों में चार्जशीट पहले दाखिल कर दी गयी।

इन मामलों में सभी आरोपी अपनी जमानत कोर्ट से करा चुके हैं। आईपीसी की धारा 153 ए के तहत आरोपी बनाये गये सभी भाजपा नेताओं के खिलाफ तीन माह पूर्व चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हुई थी। मुकदमा चलाने के लिए प्रदेश सरकार से एसआईटी ने अनुमति मांगी थी। सरकार ने ने अनुमति दे दी है। मामले में 24 नवंबर को कोर्ट ने संजीव बालियान और विधायक उमेश मलिक, कपिल देव अग्रवाल समेत पांच आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। अगली तारीख 15 दिसंबर शुक्रवार को नियत थी।

एसीजेएम द्वितीय मधु गुप्ता की कोर्ट में सभी की पेशी होनी थी। केवल साध्वी प्राची ही कोर्ट में उपस्थित रहीं। पीठासीन अधिकारी के छुट्टी होने पर संबंधित अधिकारी ने 24 नवंबर को जारी गैर जमानती वारंट को बहाल रखते हुए सभी को 19 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किये हैं।

इस मामले में आरोपी गन्ना मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम, सांसद बिजनौर भारतेंद्र सिंह की ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र कोट में पेश कर दिया गया था। सुरेश राणा की ओर से कोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता कुलदीप पुंडीर के अनुसार, सुरेश राणा के हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रत्येक तारीख पर कोर्ट में दिए जाने के कारण उनके वारंट जारी नहीं किए गए हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख