ताज़ा खबरें
पाकिस्तान को दुबई में भारत ने खूब धोया, ले लिया 8 साल पुराना बदला
'ट्रंप और मस्क भारत की बेइज्जती कर रहे हैं, सरकार चुप क्यों': जयराम
कुछ नेता विदेशी ताकतों से मिलकर देश-धर्म को कमजोर कर रहे: मोदी

लखनऊ: सपा में हाशिये पर होने के कारण पिछले दिनों समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अगर 'साम्प्रदायिक भाजपा' के खिलाफ लड़ने की बात करते हैं तो उन्हें बसपा के साथ प्रस्तावित गठबंधन में उनके मोर्चे को भी शामिल कराना चाहिए। यादव ने कहा 'अगर वह (अखिलेश) साम्प्रदायिक पार्टी भाजपा के खिलाफ लड़ने की बात करते हैं तो उन्हें सपा और बसपा के गठबंधन में समाजवादी सेक्युलर मोर्चे को भी शामिल कराना चाहिये। ऐसा न होने पर हमारा मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में मैनपुरी को छोड़कर बाकी सभी 79 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने को तैयार है।'

उन्होंने कहा 'अगर हमें गठबंधन में शामिल नहीं किया जाता है तो भी हमारे पास उन सीटों को हासिल करने का मौका रहेगा जो सपा और बसपा द्वारा छोड़ी जाएंगी। सभी समाजवादी हमारे पक्ष में हैं। हम 20 से 30 सीटें जीतेंगे।'

लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि उनका मकसद देश को भाजपा आरएसएस से बचाना है। इन्हें रोकने के लिए गठबंधन किया जा रहा है। इसके लिए वह दो कदम पीछे हटने को भी तैयार हैं। कांग्रेस को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। अखिलेश यादव ने यह बात रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि गठबंधन में नेता एवं प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नाम मुद्दा नही है, यह चुनाव बाद तय हो जाएगा।

यादव ने यह भी कहा कि इस चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों की बड़ी भूमिका होगी। वही भाजपा का मुकाबला कर सकेगी। देश को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से दूर रहना होगा। आरएसएस ने 70 साल तिरंगा नहीं लगाया। संघ जाति-धर्म में खाई बनाती है। आरएसएस ने पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ नफरत और झूठ फैलाने का काम किया इसलिए इससे सभी को सावधान रहना चाहिए उन्होंने कहा कि जिन्होंने 50 साल तक सत्ता में रहने की बात कही है, पता नही वह तक वे रहेंगे या नहीं। लेकिन यह तय है कि देश की जनता अगले 50 हफ्तों में भाजपा को सबक सिखाने के लिए अपना फैसला देने जा रही है।

लखनऊ: बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को स्थिति साफ करते हुए कहा कि सम्मानजनक सीटें न मिलने पर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि चंद्रशेखर रावण से उनका बुआ व खून का कोई रिश्ता नहीं है। मायावती ने रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बसपा किसी भी पार्टी के साथ तभी कोई चुनावी गठबंधन करेगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। वरना फिर हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा व कुछ राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनाव में बसपा समेत अन्य सभी विरोधी पार्टियों की पूरी कोशिश रहेगी कि भाजपा को सत्ता में वापस आने से रोका जाए। इसीलिए गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बात की जा रही है।

वोट बैंक के लिए जोड़ा जा रहा रिश्ता

मायावती ने हाल ही जेल से रिहा हुए चंद्रशेखर रावण का नाम लिए बिना कहा कि मेरा उनके साथ कोई रिश्ता नहीं है। सहारनपुर शब्बीपुर कांड में शामिल व्यक्ति अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए मेरे साथ ‘बुआ व खून’ का रिश्ता बता रहा है। मैं साफ कर देना चाहती हूं कि मेरा इस किस्म के लोगों के साथ रिश्ता कभी कायम नहीं हो सकता है।

नई दिल्ली: इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और कांग्रेस साथ आते हैं तो वोटों का अंकगणित भाजपा को परेशान कर। सकता है। गोरखपुर-फूलपुर और कैराना में इसका नतीजा देखा जा चुका है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को संकेत दिया कि 2019 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा (समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी) गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होगी।

यह पूछे जाने पर कि अगले संसदीय चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ पार्टी के प्रस्तावित गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति क्या होगी? उन्होंने कहा, "आज यहां बैटरी से चलने वाली साइकिलें हैं। ऐसी साइकिलें हैं, जिसमें कई पहिये होते हैं, मैनहट्टन की गलियों में आप ऐसी साइकिलें देख सकते हैं। आज के समय में एक साथ एक ही साइकिल को कई लोग चला सकते हैं और मिलकर वहां पहुंच सकते हैं, जहां उन्हें पहुंचना है। यह साइकिल मिलकर चलेगी।" साइकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख