लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि उनका मकसद देश को भाजपा आरएसएस से बचाना है। इन्हें रोकने के लिए गठबंधन किया जा रहा है। इसके लिए वह दो कदम पीछे हटने को भी तैयार हैं। कांग्रेस को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। अखिलेश यादव ने यह बात रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि गठबंधन में नेता एवं प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नाम मुद्दा नही है, यह चुनाव बाद तय हो जाएगा।
यादव ने यह भी कहा कि इस चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों की बड़ी भूमिका होगी। वही भाजपा का मुकाबला कर सकेगी। देश को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से दूर रहना होगा। आरएसएस ने 70 साल तिरंगा नहीं लगाया। संघ जाति-धर्म में खाई बनाती है। आरएसएस ने पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ नफरत और झूठ फैलाने का काम किया इसलिए इससे सभी को सावधान रहना चाहिए उन्होंने कहा कि जिन्होंने 50 साल तक सत्ता में रहने की बात कही है, पता नही वह तक वे रहेंगे या नहीं। लेकिन यह तय है कि देश की जनता अगले 50 हफ्तों में भाजपा को सबक सिखाने के लिए अपना फैसला देने जा रही है।
चंद्रशेखर से परहेज नहीं
बसपा प्रमुख मायावती ने भले ही चंद्रशेखर रावण की नजदीकी बढ़ाने की कोशिशों को नकार दिया हो, लेकिन अखिलेश यादव को उनसे सहयोग पर परहेज नहीं है। अखिलेश से पूछा गया कि चंद्रशेखर रावण, उमर खालिद व कन्हैया कुमार जैसे युवा नेताओं की भूमिका को किस रूप में आप देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि जो भी समाजवादी पार्टी में आने के लिए तैयार होगा, हम उन्हें स्वीकार करेंगे। हम गठबंधन के लिए हमेशा तैयार हैं।
बताते चलें कि चंद्रशेखर ने जेल से बाहर आते ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह उसके खिलाफ काम करेंगे। जबकि उन्होंने मायावती को बुआ बताया था। मायावती ने इस तरह किसी रिश्ते को नाकारते हुए इसे भाजपा की साजिश बताया।