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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार पर सोमवार को निशाना साधते हुए पूर्व भाजपा नेता और सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि कुंभ और मंदिरों से देश तरक्की नहीं होगी, इसके लिए संविधान का पालन करना होगा। फुले ने कहा, 'एक ओर जहां एससी और आदिवासी अपने अधिकार और रोजगार के लिए लड़ रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश सराकर कुंभ और मेलों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।' साथ ही उन्होंने कहा कि, 'एससी, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय को क्या मंदिर या कुंभ खाना दे सकता है। सरकार लोगों का ध्यान भटकना चाह रही है, इसलिए वह कुंभ पर पैसे खर्च कर रही है। देश मंदिर या भगवान द्वारा नहीं चलाए जा सकते, यह संविधान से चलता है।'

कानून-व्यवस्था पर सीएम योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए फुले ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री में शासन चलाने की क्षमता नहीं है, यह कई खबरों से साबित हो गया है।' बता दें, 6 दिसंबर को भाजपा पर समाज का बांटने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सावित्री बाई फुले ने बहराइच सीट से चुनाव लड़ा था।

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से पहला वार चिंगरावठी के कलुआ ने किया था। स्याना पुलिस ने कलुआ पुत्र दलवीर निवासी ग्राम चिंगरावठी को सोमवार की रात करीब 12:40 बजे सैदपुर मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद कलुआ से कोतवाल, सीओ राघवेंद्र मिश्र और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सघन पूछताछ की। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि कलुआ ने पूछताछ में बताया 3 दिसंबर को गोकशी के बाद गुस्साए लोग बुलंदशहर-गढ स्टेट हाईवे पर जाम लगा रहे थे। इसी दौरान कलुआ सडक़ पर डालने के लिए कुल्हाड़ी से पेड़ काट रहा था।

उन्होंने कहा, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने कलुआ को पेड़ काटने से रोका। इस पर कलुआ ने कुल्हाड़ी से इंस्पेक्टर पर वार किया, जिससे इंस्पेक्टर का अंगूठा कट गया और सिर में गहरा घाव हो गया। पुलिस ने कलुआ के पास से कुल्हाड़ी बरामद कर ली है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि कलुआ को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। गौरतलब है कि तीन दिसंबर को हुई हिंसा में आरोपी कलुआ निवासी चिंगरावठी ने इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से पहला वार कर घायल कर दिया था।

अमरोहा: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और यूपी एटीएस की बड़ी टीम यूपी के अमरोहा के सैदपुरा गांव में छापेमारी कर रही है। आईएसआईएस के नए मॉड्यूल मामले में हाल में ही दो भाइयों को यहां से गिरफ़्तार किया गया था, जो फ़िलहाल एनआईए की हिरासत में हैं। इससे पहले रविवार को भी अमरोहा और दिल्ली के जाफ़राबाद और सीलमपुर इलाके में छापेमारी की गई थी और पांच लोगों को हिरासत में लिया था।

ख़बरों के मुताबिक इनके पास से हथियार और आईएसआईएस के पोस्टर बरामद हुए थे। पिछले हफ़्ते ही एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अमरोहा और दिल्ली में ही छापेमारी कर नए मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। जिनके पास से भारी मात्रा में खतरनाक हथियार और विस्फोटक सामग्री मिलने की बात सुरक्षा एजेंसियों ने की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले महीने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के एक नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम का पदार्फाश होने के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के अमरोहा के सैदपुर इम्मा गांव में सोमवार की देर रात एनआईए की टीम ने फिर छापेमारी की।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों से भारत बंद के दौरान दोनों राज्यों में दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को दे रही समर्थन पर दोबारा विचार करेगी। उन्होंने कांग्रेस सरकारों को धमकी देते हुए कहा, ‘‘अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलम्ब उचित कार्रवाई नहीं की तो फिर बसपा को वहां की कांग्रेस सरकारों (मध्य प्रदेश व राजस्थान) को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है।'

मायावती ने सोमवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘एस.सी.-एस.टी. कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर दो अप्रैल को किए गए ‘‘भारत बंद’’ के दौरान उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में से मध्य प्रदेश व राजस्थान में जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत कार्रवाई की गई थी और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था।’’

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