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बेंगलुरू: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक में जारी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने भाजपा पर सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। सिद्धारमैया ने कहा है, "सरकारों को अस्थिर करने की भाजपा की आदत हो गई है। ये अलोकतांत्रिक है, लोगों ने भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया है। लोगों ने हमें अधिक वोट दिए हैं। कांग्रेस और जेडीएस दोनों को एकसाथ 57 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं।" उन्होंने कहा कि इस समय सब में केवल राज्य की भाजपा ही नहीं बल्कि अमित शाह और मिस्टर मोदी जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हैं। उनके निर्देश पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए गए हैं। ये लोकतंत्र और लोगों के जनादेश के खिलाफ है। वो पैसा, पद, मंत्रीपद का ऑफर दे रहे हैं।

सिद्धारमैया ने आगे कहा, कर्नाटक कांग्रेस पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण सदस्यों की अयोग्यता की मांग कर रही है। उनकी भाजपा के साथ मिलीभगत है। मैं उनसे (विधायकों से) अनुरोध करता हूं कि वापस आएं और अपना इस्तीफा वापस लें।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार की तकदीर का फैसला करेंगे। लेकिन, उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनका ऑफिस सिर्फ 13 में से उन पांच इस्तीफों पर ही अपनी प्रक्रिया शुरू कर पाएंगे जो कांग्रेस-जनता दल गठबंधन सरकार के बागी विधायकों की तरफ से दिए गए हैं। उन्होंने इससे पहले, इस बात को रेखांकित करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात के लिए यकीन करना होगा कि उन्होंने जो इस्तीफे दिए हैं वह 'स्वैच्छिक' और 'वास्तविक' हैं।

स्पीकर के. आर. रमेश ने कहा कि आठ विधायकों की तरफ से दिया गया इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं था इसलिए उन्हें दोबारा इस्तीफा देना होगा। रमेश कुमार ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि “अगर वे सभी अपने रूख पर बने रहते हैं तो निर्धारित नियम के अनुसार अपना इस्तीफा देना होगा।” विधानसभा स्पीकर ने बताया कि जिन पांच विधायकों ने सही फॉर्मेट में अपना इस्तीफा दिया है, उनमें पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी, गोपालैयाह, आनंद सिंह, नारायण गौड़ा और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से संकट में फंसी कर्नाटक की 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने की अंतिम कोशिश के तहत सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया है कि कांग्रेस के 21 मंत्रियों की तरह जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया हैँ।कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया कि जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल होगा। बेंगलुरु में उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर हुई कांग्रेस मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत की। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, 'पार्टी के व्यापक हित में कल और आज हमने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

नई दिल्ली: जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे के बाद से कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार संकट में चल रही है। कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही पार्टियां अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक कर रही हैं। कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने सोमवार को कहा, 'इसके पीछे भाजपा के राष्ट्रीय नेता हैं। भाजपा के लोग यह सरकार नहीं चाहते, न ही वो चाहते कि कोई भी विपक्षी पार्टी राज्य या देश में शासन करे। वे लोग लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।' साथ ही उन्होंने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री इस्तीफा दे देंगे। इसी बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मंत्री और निर्दलीय विधायक नागेश ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस-जेडीएस सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया।

कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद का कहना है, 'ये सब कुछ भाजपा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह का किया हुआ है। सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने तीसरी बार हमारे विधायकों को लगभग अपहरण करके मुंबई लेकर गए लेकिन सरकार गिरेगी नहीं। वह फिर से वापस आ जाएंगे।

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