नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस सरकार में संकट में गहरा गया है। कांग्रेस के 8 और जेडीएस के 3 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास अपना इस्तीफा देने पहुंच गए लेकिन स्पीकर नहीं मिले तो ये सभी राज्यपाल के पास चले गए। इनमें शामिल कांग्रेस विधायक रामलिंग रेड्डी ने मीडिया से कहा, मैं अपना इस्तीफा स्पीकर सौंपने आया हूं। मैं अपनी बेटी ( कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी) के बारे में नहीं जानता हूं। वह एक आजाद महिला हैं।' उन्होंने कहा, मैं पार्टी आलाकमान या किसी और नेता को इसके लिए दोष देने नहीं जा रहा हूं। मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर हमारी उपेक्षा की जा रही है। इसलिए हमने यह फैसला किया है।'
इसी बीच उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वरा और राज्य सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने विधायकों और पार्षदों की आपात बैठक बुलाई है। आपको बता दें कि सोमवार को कांग्रेस के दो विधायकों आनंद सिंह और रमेश जे. ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के विधायकों की संख्या 116 पहुंच गई थी। जबकि बहुमत के लिए 113 विधायक चाहिए। हालांकि इन दो विधायकों का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक आनंद सिंह बेल्लारी में राज्य सरकार और जेएसडब्लू स्टील कंपनी के बीच हुए जमीन समझौते से नाराज थे। वहीं रमेश ने इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई थी। उन्होंने कैबिनेट से हटाए जाने के बाद से खुद को पार्टी से दूर कर लिया था।
224 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 79 विधायक हैं जिसमें ये दोनों भी शामिल हैं। जबकि गठबंधन के साथी जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। बीएसपी के भी एक विधायक का समर्थन है। हालांकि आनंद और रमेश के इस्तीफे के बाद भी सरकार के समर्थन में 116 विधायक हैं। दूसरी ओर बीजेपी के पास अकेले 105 विधायक हैं।