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नई दिल्ली: कर्नाटक में राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस के लिए राहत की खबर आई है। कांग्रेस विधायक शिवकुमार ने एक बागी विधायक से मुलाकात की है जिसके बाद उनके तेवर कुछ नरम पड़े हैं। बागी कांग्रेस विधायक एमटीबी नागराज ने कहा कि स्थिति ऐसी थी कि हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, लेकिन अब डीके शिवकुमार और अन्य लोग आए और हमसे इस्तीफे वापस लेने का अनुरोध किया। मैं सुधाकर राव और अन्य विधायकों से बात करूंगा और फिर देखूंगा कि क्या किया जाना है, आखिरकार मैंने कांग्रेस में कई दशक बिताए हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें एक साथ रहना चाहिए और एक साथ मरना चाहिए क्योंकि हमने पार्टी के लिए 40 साल काम किया है। हर परिवार में उतार-चढ़ाव आते हैं। हमें सब कुछ भूलाकर आगे बढ़ना चाहिए। खुशी है कि एमटीबी नागराज (बागी विधायक) ने हमें आश्वासन दिया है कि वह हमारे साथ रहेंगे।
कुमारस्वामी ने विश्वासमत हासिल करने का समय मांगा
कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने शुक्रवार को स्पीकर से बहुमत साबित करने के लिए समय मांगा है।
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बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह सदन में विश्वासमत हासिल करना चाहते हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार से इसके लिये समय तय करने का अनुरोध किया है। विधानसभा के 11 दिवसीय सत्र के पहले दिन सदन की बैठक में मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफा देने की पृष्ठभूमि में यह अप्रत्याशित घोषणा की। विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार का अस्तित्व खतरे में है। हालांकि, सदन में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दिये जाने के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने पर विपक्षी भाजपा ने इसकी आलोचना की। कांग्रेस के 13 और जदएस के तीन विधायकों समेत 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। उन दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिन्हें हाल में मंत्री बनाया गया था।
कुमारस्वामी ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, ‘‘आज इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में मैंने यह फैसला किया है कि मुझे विश्वास मत का प्रस्ताव लाना चाहिए। मैं आपसे इसके लिये समय देने का अनुरोध करता हूं।’’
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नई दिल्ली: कर्नाटक संकट पर बागी विधायकों के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूरे तथ्य कोर्ट के सामने नहीं आ पाए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बागी न विधायक अयोग्य ठहराए जाएंगे और न ही इस्तीफे पर फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि क्या अध्यक्ष को शीर्ष अदालत के आदेश को चुनौती देने का अधिकार है। 10 बागी विधायकों के इस्तीफों के मामले में फैसला करने का निर्देश देने के शीर्ष अदालत के गुरूवार के आदेश के खिलाफ कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के. आर. रमेश की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ कर्नाटक संकट पर विधान सभा अध्यक्ष और कांग्रेस तथा जद (एस) के बागी विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई की। इन बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शुक्रवार को न्यायालय को सूचित किया कि विधानसभा अध्यक्ष ने उनके इस्तीफा देने के फैसलों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
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बंगलूरू: कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते सरकार अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। ऐसे में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में स्थिति का साहस और एकजुट होकर सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। कैबिनेट की ओर से यह विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार बची रहेगी। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में हुई। इसमें कहा गया कि यदि विपक्षी भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो वह उसका सामना करने को तैयार है।
ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, ‘राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो निर्णय किया गया वह यह था कि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।’ कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार को अस्थिर करने का यह छठा या सातवां प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘इसे भाजपा द्वारा केंद्र सरकार का इस्तेमाल करते हुए लगातार हमला कहा जा सकता है।'
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