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बंगलूरू: कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते सरकार अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। ऐसे में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में स्थिति का साहस और एकजुट होकर सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। कैबिनेट की ओर से यह विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार बची रहेगी। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में हुई। इसमें कहा गया कि यदि विपक्षी भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो वह उसका सामना करने को तैयार है।

ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, ‘राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो निर्णय किया गया वह यह था कि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।’ कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार को अस्थिर करने का यह छठा या सातवां प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘इसे भाजपा द्वारा केंद्र सरकार का इस्तेमाल करते हुए लगातार हमला कहा जा सकता है।'

नई दिल्ली: कर्नाटक में बागी विधायकों की तरफ से गुरुवार की शाम को मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए विधानसभा स्पीकर के.आर. रमेश ने कहा कि उन्हें इस्तीफे की रातभर जांच करने की जरूरत है, ताकि उसकी सत्यता का पता लगाया जा सके। स्पीकर के.आर रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फैसला लेने के लिए कहा है। उन्होंने आगे कहा कि सभी चीजों की वीडियोग्राफी की गई है और वह सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया जाएगा।

स्पीकर ने कहा कि विधायकों ने हमें नहीं बताया और वे सीधा राज्यपाल के पास गए थे। वह क्या कर सकते हैं? इसमें गलत क्या है? वे सुप्रीम कोर्ट चले गए। मेरा कर्तव्य राज्य की जनता और देश के संविधान के प्रति है। मैं इसमें देरी कर रहा हूं क्योंकि मैं यहां की जमीन से प्यार करता हूं। मैं जल्दबाजी में काम नहीं कर रहा हूं। इससे पहले, कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गुरुवार को दिए आदेश के अनुरुप बागी कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने स्पीकर के.आर. रमेश से शाम करीब साढ़े छह बजे मुलाकात की। 

नई दिल्ली: कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गुरुवार को दिए आदेश के अनुरुप बागी कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों ने स्पीकर के.आर. रमेश से शाम करीब साढ़े छह बजे मुलाकात की। मुंबई से बेंगलुरू पहुंचे जो छह विधायक पुलिस सुरक्षा में स्पीकर से मिलने पहुंचे वो हैं- रमेश जरकिहोली, एसटी सोमशेखर, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, एच. विश्वनाथ, के. गोपालैय्या, महेश कुमथाहाली, बीए बसावराज, शिवराम हेब्बार और नारायण गौड़ा। स्पीकर शाम सात बजे इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं, जिसमें वे अपना रुख साफ करेंगे।

इससे पहले, स्पीकर के खिलाफ इस्तीफा स्वीकार न करने के लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने शाम छह बजे तक स्पीकर से मिलने को कहा था। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्पीकर से इस पर आज ही फैसला लेन को भी कहा गया है। पीठ ने कहा कि अध्यक्ष द्वारा लिये गये फैसले से शुक्रवार को अवगत कराया जाये जब न्यायालय इस मामले में आगे विचार करेगा।

नई दिल्ली: मुंबई में एक फाइव स्टार होटल के बाहर कर्नाटक सरकार बागी विधायकों से मिलने बारिश में करीब पांच घंटे तक इंतजार कर रहे कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार को मुंबई पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। शिवकुमार इससे पहले अपनी जान को खतरा बता चुके थे। शिवकुमार से मिलने आए मुंबई कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा को भी हिरासत में लेकर पुलिस वैन में ले जाया गया। जबकि, दूसरी तरफ बेंगलुरू में राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी हिरासत में लिया गया।

पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब शिवराम हेब्बार, प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, ब्यराति बसावराज, एसटी सोमशेखर, रमेश जरकिहोली, गोपालैय्या, एच. विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और महेश कुमुताली की तरफ मुंबई के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर उनसे सुरक्षा की मांग की गई। उन्होंने कहा कि वे डर महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके राज्य के कुछ नेता मुंबई स्थित पोवई के उस होटल में ‘हंगामा’ करेंगे, जहां पर वे रह रहे हैं। कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा कि वे उन दोनों नेताओँ से नहीं मिलना चाहते हैं।

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