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बेंगलुरू: कर्नाटक में भाजपा ने बुधवार को विधान सौध में बुधवार को ‘धरना’ देते हुए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी का इस्तीफा मांगा। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत खो दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा समेत राज्य के कई भाजपा नेताओं ने विधान सौध में (महात्मा) गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदेश अध्यक्ष बी एस येद्दयुरप्पा के नेतृत्व में प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने ‘‘बहुमत खोने वाली सरकार मुर्दाबाद, कुर्सी पर चिपके रहने वाला मुख्यमंत्री मुर्दाबाद’’ जैसे नारे लगाए।

बाद में येद्दयुरप्पा और कई अन्य नेताओं के राज भवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने की संभावना है और वह उनसे गठबंधन सरकार को भंग करने का अनुरोध करने की संभावना है जो ‘‘बहुमत गंवा’’ चुकी है। भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष रमेश कुमार से भी मुलाकात करने की संभावना है। पूर्व मुख्यमंत्री का राजनीतिक घटनाक्रमों और भाजपा की कार्य योजना के संबंध में पिछले कुछ दिनों से पार्टी के नेताओं के साथ बैठकों का सिलसिला जारी है।

बेंगलुरू: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक में जारी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने भाजपा पर सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। सिद्धारमैया ने कहा है, "सरकारों को अस्थिर करने की भाजपा की आदत हो गई है। ये अलोकतांत्रिक है, लोगों ने भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया है। लोगों ने हमें अधिक वोट दिए हैं। कांग्रेस और जेडीएस दोनों को एकसाथ 57 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं।" उन्होंने कहा कि इस समय सब में केवल राज्य की भाजपा ही नहीं बल्कि अमित शाह और मिस्टर मोदी जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल हैं। उनके निर्देश पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए गए हैं। ये लोकतंत्र और लोगों के जनादेश के खिलाफ है। वो पैसा, पद, मंत्रीपद का ऑफर दे रहे हैं।

सिद्धारमैया ने आगे कहा, कर्नाटक कांग्रेस पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण सदस्यों की अयोग्यता की मांग कर रही है। उनकी भाजपा के साथ मिलीभगत है। मैं उनसे (विधायकों से) अनुरोध करता हूं कि वापस आएं और अपना इस्तीफा वापस लें।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार की तकदीर का फैसला करेंगे। लेकिन, उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनका ऑफिस सिर्फ 13 में से उन पांच इस्तीफों पर ही अपनी प्रक्रिया शुरू कर पाएंगे जो कांग्रेस-जनता दल गठबंधन सरकार के बागी विधायकों की तरफ से दिए गए हैं। उन्होंने इससे पहले, इस बात को रेखांकित करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात के लिए यकीन करना होगा कि उन्होंने जो इस्तीफे दिए हैं वह 'स्वैच्छिक' और 'वास्तविक' हैं।

स्पीकर के. आर. रमेश ने कहा कि आठ विधायकों की तरफ से दिया गया इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं था इसलिए उन्हें दोबारा इस्तीफा देना होगा। रमेश कुमार ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि “अगर वे सभी अपने रूख पर बने रहते हैं तो निर्धारित नियम के अनुसार अपना इस्तीफा देना होगा।” विधानसभा स्पीकर ने बताया कि जिन पांच विधायकों ने सही फॉर्मेट में अपना इस्तीफा दिया है, उनमें पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी, गोपालैयाह, आनंद सिंह, नारायण गौड़ा और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से संकट में फंसी कर्नाटक की 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने की अंतिम कोशिश के तहत सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया है कि कांग्रेस के 21 मंत्रियों की तरह जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया हैँ।कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया कि जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल होगा। बेंगलुरु में उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर हुई कांग्रेस मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत की। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, 'पार्टी के व्यापक हित में कल और आज हमने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

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