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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को यहां राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और बिहार में साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की। बता दें कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं। मुख्यमंत्री सोरेन आज दोपहर लगभग दो बजे रिम्स पहुंचे और रिम्स निदेशक के बंगले में इलाजरत लालू से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच लगभग सवा घंटे तक विचार-विमर्श चला। लालू से मुलाकात के बाद सोरेन ने बताया कि उनकी (लालू प्रसाद यादव की) सेहत अब काफी बेहतर है। 

सोरेन ने मीडिया से कहा, 'वैसे मैं जानता हूं कि आप लोग यहां बिहार चुनाव के बारे में सवाल पूछने के लिए एकत्रित हैं। इस विषय को लेकर लालू जी के लोग अधिकृत हैं। वहां बातें होंगी। राजनीतिक बातें तो राजनीतिक मंच पर ही होंगी। हां, इतना बता दूं कि बिहार में हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे।' यह पूछे जाने पर कि कितनी सीटों पर बात तय हुई है, मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘कहां कौन होगा, कहां से कौन लड़ेगा, यह जानने के लिए थोड़ा इंतजार करें।’

रांची/गिरिडीह: उत्तरप्रदेश के उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज को कोविड-19 के नियमों के अंतर्गत झारखंड में 14 दिन के लिए गृह पृथक-वास में भेज दिया गया। गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया, ‘सांसद साक्षी महाराज आज रेलमार्ग से धनबाद आए थे। लेकिन शहर के शांति भवन में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रशासन को बिना सूचना दिए ही सड़क मार्ग से वापस जा रहे थे। इसकी सूचना पाकर क्षेत्र की एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने उन्हें रोका और राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार 14 दिन के लिए गृह पृथक-वास में भेज दिया।’ उधर सिन्हा ने बताया कि सांसद ने पूर्वानुमति के बिना झारखंड की यात्रा की लेकिन यदि वह चाहें तो छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

साक्षी महाराज ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं पूर्व में सूचना देकर अपनी बीमार माता को देखने आया था। यदि प्रशासन ने मुझे झारखंड आने पर पृथक-वास में जाने के बारे में सूचना दी होती तो मैं यहां नहीं आता।’ खुद को रोके जाने पर आपत्ति जताते हुए साक्षी महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से बातचीत की। उन्होंने गिरिडीह के उपायुक्त सिन्हा से भी बात की। फिलहाल साक्षी महाराज को शांति भवन आश्रम, गिरिडीह में रखा गया है।

साक्षी महाराज ने प्रशासन के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘दो घंटे के लिए कोई यदि झारखंड की सीमा में आता है तो उसे जबरन पृथक-वास में भेज दिया जाएगा, यह कहां का न्याय है?’ उन्होंने कहा, ‘मैं सांसद हूं और झारखंड भारत का ही अंग है। क्या मैं अपनी बुजुर्ग मां से मिलने नहीं आ सकता हूं। यह मेरा आश्रम है। कल संसद की स्थाई समिति की बैठक में मुझे शामिल होना है और यहां जबरन मुझे पृथक-वास में भेजा जा रहा है। यह बहुत ही शर्मनाक है।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘अभी बुधवार को लालू यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप रांची आए थे और यहां लालू यादव से मिलकर सड़क मार्ग से पटना चले गए। उनके खिलाफ प्रशासन मौन रहा और मुझे इस तरह परेशान किया जा रहा है। यह निश्चित रूप से राजनीतिक विद्वेष के चलते किया गया है।’

इस घटना पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार नियमों के अनुपालन में दोहरा चरित्र अपना रही है और प्रशासन भी कठपुतली बना हुआ है। राज्यसभा सदस्य प्रकाश ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर साक्षी महाराज को जबरन गृह पृथक-वास से तत्काल छूट नहीं दी तो भाजपा राज्य में आंदोलन करने को मजबूर होगी।

प्रकाश ने आरोप लगाया, ‘महामारी की शुरुआत से ही राज्य सरकार के इशारे पर पदाधिकारी चेहरा देखकर कार्रवाई कर रहे हैं जबकि उनसे उम्मीद की जाती है कि वे सभी के साथ, आम जनता, वीआईपी, सत्ता पक्ष और विपक्ष सब के साथ नियमों के अनुपालन में एकरूपता बरतेंगे।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘नेता विधायक दल और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित मुझे दिल्ली से लौटने पर 14 दिन के पृथक-वास में भेजा जाता है जबकि कांग्रेस के प्रदेश सह-प्रभारी दिल्ली से रांची आकर संगठन की बैठक लेते हैं, कार्यक्रमों में शामिल होते हैं फिर भी उन्हें दिल्ली वापस जाने दिया जाता है।’

 

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को रांची के मेदांता अस्पताल में सोमवार को भर्ती कराया गया है। डॉ. तापस की देखरेख में शिबू सोरेन का इलाज हो रहा है। 

बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन और उनकी पत्नी कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे। पॉजिटिव आने के बाद से दोनों घर पर ही आइसोलेट हो गये थे। कोरोना पॉजिटव होने और अन्य बीमारियों से ग्रसित होने की वजह से शिबू सोरेन को एहतियात के तौर पर मेदांता में भर्ती कराया गया है।

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि शुक्रवार रात बाबा दिशोम गुरु और मां की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। दोनों होम आइसोलेशन में हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश और झारखंडवासियों की दुआओं के साथ जल्द ही बाबा और मां हम सभी के बीच होंगे।

रांची: कोरोना को नियंत्रित करने के लिए झारखंड सरकार ने अब सख्ती का फैसला किया है। राज्य में लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लागू नियमों का पालन नहीं करने वालों को दो साल तक की जेल हो सकती है और एक लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है। मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश-2020 को स्वीकृति दे दी गई है। यानि अब सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं करने, मास्क नहीं पहनने, दफ्तरों और दुकानों के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकेगी। 

मंत्रिपरिषद ने फैसला लिया है कि दसवीं और 12वीं बोर्ड के प्रथम, द्वतीय और तृतीय टॉपरों को सरकार इनामी राशि बतौर पुरस्कार देगी। इसके साथ ही सरकार ने अपना नया राज्य चिह्न जारी कर दिया है। नया प्रतीक चिह्न का विन्यास वृत्ताकार है जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है। कैबिनेट ने कुल 39 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पुराने प्रतीक चिह्न में झारखंड के मायने प्रतीत नहीं होते थे। 15 अगस्त को जनता के बीच राज्य का प्रतीक चिह्न जारी किया जाएगा।

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